क्या हरियाणा को मिलेगी अलग राजधानी और हाईकोर्ट? विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण से समिति ने की मांग
हरियाणा बनाओ अभियान समिति ने विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण से मिलकर हरियाणा के लिए अलग राजधानी और हाई कोर्ट की मांग की। समिति ने कहा कि इससे रोजगार बढ़ेगा लोगों की परेशानियां कम होंगी और लंबित मामलों का निपटारा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि चंडीगढ़ में हरियाणा के लोगों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अलग राजधानी और हाई कोर्ट के लिए संघर्षरत हरियाणा बनाओ अभियान समिति ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण से मुलाकात कर समर्थन मांगा। साथ ही अपनी मांग के समर्थन में तथ्य रखते हुए बताया कि कैसे नई राजधानी और अलग हाई कोर्ट से कई मुद्दों और समस्याओं का समाधान हो सकता है।
केंद्र सरकार के पूर्व उप सचिव और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ओएसडी रहे एमएस चोपड़ा और बार काउंसिल पंजाब एवं हरियाणा के पूर्व चेयरमैन रणधीर सिंह बधरान की अगुवाई में 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की।
उन्होंने तर्क दिया कि हरियाणा के बीच में किसी जगह नई राजधानी विकसित करने से न केवल रोजगार और विकास के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि 300-350 किलोमीटर दूर चंडीगढ़ में काम कराने के लिए पहुंचने वाले लोगों की परेशानियां भी कम होंगी। उन्होंने खुद सर्वे कराया है, जिसमें अधिकतर लोगों की राय है कि नई राजधानी सभी जिलों से अधिक 100 से 125 किलोमीटर तक की दूरी पर ही होनी चाहिए। वकील भी हरियाणा और पंजाब की अलग बार एसोसिएशन की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज हरियाणा के 14 लाख 25 हजार से अधिक मामले जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित हैं, जबकि साढ़े चार हजार से अधिक मामले उच्च न्यायालय में अटके हुए हैं। दक्षिण हरियाणा के लोगों को अदालती या सचिवालय से जुड़े कामों के लिए चंडीगढ़ पहुंचना आसान नहीं होता।
स्थिति यह है कि चंडीगढ़ में हरियाणा के अधिकारियों से लेकर आमजन तक को भेदभाव का शिकार होना पड़ रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए तत्काल अलग राजधानी और हाई कोर्ट बनाने की आवश्यकता है। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता ललित बुटाना और राजेंद्र बल्ला भी शामिल रहे।
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