हरियाणा की दयानंद यूनिवर्सिटी में महिला सफाई कर्मचारियों से बदसलूकी, मासिक धर्म चेक करने के नाम पर उतरवाए कपड़े
रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में महिला सफाई कर्मचारियों के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। मासिक धर्म की पुष्टि के लिए कपड़े उतरवाने के आरोप में दो सुपरवाइजर निलंबित किए गए हैं। पीड़ित महिलाओं ने महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। सुपरवाइजरों पर काम का दबाव बनाने और प्राइवेट पार्ट्स की फोटो मांगने का आरोप है।

फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, रोहतक। राज्यपाल के दौरे के बीच महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में हुई शर्मनाक घटना ने महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विवि में महिला सफाई कर्मचारियों से कपड़े उतरवाकर उनसे मासिक धर्म की पुष्टि करवाने जैसी हरकत के बाद दो कर्मचारियों को निलंबित किया गया। पीड़ित महिलाओं ने इस मामले में महिला आयोग, के साथ मानवाधिकार आयोग को भी लिखित में शिकायत भेजी है।
पीड़िताओं ने लिखा कि दो सुपरवाइजरों ने काम तेजी से न करने पर दबाव डाला। जब उन्हें बताया कि महावारी व शारीरिक पीड़ा के कारण उनसे निरंतर तेज काम नहीं हो सकता, तो सुपरवाइजर ने उन्हें प्राइवेट पार्ट्स की फोटो खींच कर दिखाने जैसी बात कह डाली। जब इस बात का विरोध किया तो उन्हें गालियां दी गईं और नौकरी से हटाने की धमकी दी गई। दबाव के चलते वे वाशरूम में जाकर फोटो खींचने को मजबूर हुईं।
आरोप है कि इस कार्रवाई का आदेश एक अन्य अधिकारी ने दिया था। महिला कर्मियों ने विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन से तत्काल कानूनी एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।
कार्रवाई की गई: निदेशक
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के जनसंपर्क निदेशक ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में घटना संबधित शिकायत के संदर्भ में, कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।
आदेशानुसार, दोनों, एचकेआरएन सेवारत सैनिटरी सुपरवाइजरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन उनके विरुद्ध चल रही अनुशासनात्मक कार्यवाही पर किसी भी प्रकार की पूर्वाग्रह रहित कार्रवाई के रूप में रहेगा। निलंबन अवधि के दौरान मुख्यालय रोहतक रहेगा और वे अनुमति के बिना स्टेशन नहीं छोड़ सकेंगे।

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