Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'पुलिस रैंकिंग धड़ाम, अपराध आसमान पर', हरियाणा में 80 गैंग सक्रिय होने का आरोप लगाकर भूपेंद्र हुड्डा ने BJP को घेरा

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 04:35 PM (IST)

    पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा की कानून-व्यवस्था पर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने पुलिस रैंकिंग में गिरावट, एससी/ओबीसी के साथ भेदभाव और राज्य में 80 से अधिक गैंग सक्रिय होने का आरोप लगाया। हुड्डा ने पुलिस विभाग में खाली पदों और जांच में टालमटोल को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा।

    Hero Image

    पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लगाया राज्य में 80 गैंग सक्रिय होने का आरोप (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार ने हरियाणा की कानून-व्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए हुड्डा ने कहा कि पिछले पांच साल में हरियाणा पुलिस की रैंकिंग आठवें स्थान से खिसककर 14वें स्थान पर पहुंच गई है। 18 बड़े राज्यों में हरियाणा पुलिस 14वें नंबर पर है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां तक कि बिहार भी हरियाणा से चार पायदान ऊपर है, जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब सातवें स्थान पर है। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट एक राष्ट्रीय रिपोर्ट है जो न्याय प्रणाली के चार स्तंभों पुलिस, न्यायपालिका, जेल और कानूनी सहायता के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है।

    पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा कि जस्टिस इंडिया के इस रिपोर्ट से पता चलता है कि बीजेपी सरकार किस तरह एससी और ओबीसी के साथ भेदभाव कर रही है। पुलिस में एससी आफिसर्स को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां देने के मामले में हरियाणा 18 राज्यों में 17वें नंबर पर है।

    क्योंकि सरकार एससी आफिसर्स को नहीं के बराबर नियुक्ति दे रही है, जबकि एससी सिपाहियों के मामले में भी हरियाणा फिसड्डी है। ओबीसी कांस्टेबल के मामले में भी हरियाणा का स्थान 17वां है।

    हुड्डा ने कहा कि इसका सीधा कारण भाजपा सरकार का कानून-व्यवस्था के प्रति पूरी तरह लापरवाह रवैया है। प्रदेश में 80 से अधिक गैंग सक्रिय हैं, जो लूट, डकैती, फिरौती, गोलीबारी और हत्या जैसी वारदातें कर रहे हैं।

    पुलिस विभाग की हालत बहुत खराब है। कांस्टेबल स्तर के 38.9 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं, जबकि महिला पुलिस अधिकारियों के 17.8 प्रतिशत पद रिक्त हैं। पुलिस कर्मचारियों पर काम का बहुत अधिक भार है।

    प्रति व्यक्ति पुलिस खर्च मात्र 1,908 रुपये है, जबकि पंजाब में 26,04 रुपये है। ग्रामीण क्षेत्रों में 1 लाख 9 हजार 325 लोगों की आबादी पर एक पुलिस थाना है, जबकि केरल में सिर्फ 23 हजार 992 लोगों की आबादी पर एक थाना है।

    हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार ने पुलिस विभाग को इस कगार पर पहुंचा दिया है कि न केवल जनता, बल्कि खुद विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी अपना विश्वास खो चुके हैं। यही कारण है कि हाल ही में एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी और एक एएसआइ ने आत्महत्या कर ली।

    कांग्रेस ने सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआइ जांच की बार-बार मांग की है, लेकिन सरकार जांच कराने में टालमटोल कर रही है। इससे साफ जाहिर है कि सरकार पूरे मामले में लीपापोती करना चाहती है।