हरियाणा सरकार का फैसला, रजिस्ट्री पोर्टल पर तीन दिन तक सुरक्षित रहेंगे दस्तावेज, एक बार ही भरना पड़ेगा शुल्क
हरियाणा में जमीन की कागज रहित रजिस्ट्री प्रक्रिया को सुधारा जा रहा है। पोर्टल पर त्रुटिपूर्ण दस्तावेज वापस करने का समय कम होगा, और दस्तावेज 72 घंटे तक सुरक्षित रहेंगे। प्रत्येक तहसील में हेल्प डेस्क और नोडल अधिकारी होंगे। 1 से 12 नवंबर तक 5334 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 2110 स्वीकृत हुए। कुरुक्षेत्र जिला सबसे आगे रहा।

तहसीलों में जमीन की कागज रहित रजिस्ट्री शुरू होने के बाद पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार का क्रम जारी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की तहसीलों में जमीन की कागज रहित रजिस्ट्री शुरू होने के बाद पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार का क्रम जारी है। इसी कड़ी में अब पोर्टल पर रिवर्ट विद ऑब्जेक्शन में त्रुटिपूर्ण दस्तावेज वापस करने के लिए निर्धारित पांच दिन का समय जल्द ही कम किया जाएगा, जिससे पंजीकरण में तेजी आएगी।
सभी भरे हुए दस्तावेज डिलीट होने से पहले 72 घंटों के लिए स्वचालित रूप से सुरक्षित हो जाएंगे। पंजीकरण शुल्क पूरी प्रक्रिया के दौरान लागू रहेगा। वित्तायुक्त राजस्व डाॅ. सुमिता मिश्रा ने वीरवार को उपायुक्तों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेपरलेस पंजीकरण प्रणाली की प्रगति और क्षेत्र-स्तरीय कार्यप्रणाली की समीक्षा की।
उपायुक्तों द्वारा उठाई गई समस्याओं का तकनीकी टीम द्वारा तत्काल समाधान किया जा रहा है। प्रत्येक तहसील में समर्पित हेल्प डेस्क स्थापित कर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, जो लोगों की ऑनलाइन रजिस्टरी में सहायता करेंगे।
राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया जाएगा। उपायुक्तों को तहसील कर्मचारियों, उप-पंजीयकों और डीड लेखकों के लिए नियमित रूप से व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
वित्तायुक्त राजस्व ने कहा कि नई प्रणाली जीपीए मामलों में उपस्थिति को स्वचालित रूप से दर्ज करती है और एक ही लेनदेन में कई पक्षों का समर्थन करती है। एनओसी नंबर अब स्वचालित रूप से दस्तावेजों पर दिखाई देंगे।
नियम व शर्तें 10 हजार शब्दों तक विस्तृत हो सकती हैं। अधिकारियों की सुविधा के लिए एक ब्लाक खसरा पृष्ठ भी शुरू किया गया है। आपत्तियों के समय किसी भी भौतिक दस्तावेज की मांग नहीं की जाएगी।
ऑनलाइन रजिस्टरी के लिए मिले 5334 आवेदन
एक से 12 नवंबर तक प्रदेश में रजिस्टरी के लिए कुल 5334 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 2110 विलेख स्वीकृत किए गए, जबकि 915 आवेदन प्रस्तुत किए जाने की प्रक्रिया में थे। 611 आवेदन उप-पंजीयकों द्वारा स्वीकृत किए गए और 626 दस्तावेजों को तकनीकी त्रुटियों के कारण अस्वीकृत कर दिया गया।
इसके अतिरिक्त 308 भुगतान ऑनलाइन संसाधित किए गए, 387 पंजीकरण नागरिकों द्वारा रद किए गए और 377 मामले विविध श्रेणियों में आए। इससे पहले 29 सितंबर से 31 अक्टूबर तक केवल 1662 आवेदन मिले थे, जिनमें 1074 अनुमोदित किए गए।
सिरसा, चरखी दादरी और पानीपत में रजिस्ट्रियां कम
कुरुक्षेत्र जिला 810 आवेदनों और 524 स्वीकृतियों के साथ सबसे आगे रहा। महेंद्रगढ़ 428 आवेदनों और 205 स्वीकृतियों के साथ दूसरे, करनाल 409 आवेदनों और 208 स्वीकृतियों के साथ तीसरे, जींद 384 आवेदनों और 131 स्वीकृतियों के साथ चौथे स्थान पर रहा। फरीदाबाद, गुरुग्राम और यमुनानगर जिलों में भी रजिस्ट्रियाें में लगातार वृद्धि दर्ज की गई, जबकि सिरसा, चरखी दादरी और पानीपत में अभी सुधार की काफी गुंजाइश है।

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