हरियाणा में 28 से 30 जुलाई के बीच होने वाला खेल महाकुंभ टला, किस वजह से लिया गया यह फैसला?
हरियाणा में 28 से 30 जुलाई तक होने वाला खेल महाकुंभ स्थगित कर दिया गया है। सीईटी और एचटेट परीक्षाओं के कारण यह निर्णय लिया गया। खेल मंत्री गौरव गौतम ने बताया कि अब प्रतियोगिता अगस्त में होगी। पैरा एशियन गेम्स के पदक विजेताओं को सरकार ने पुरस्कृत किया है। प्रदेश में 1500 खेल नर्सरियां खोली गई हैं ताकि युवाओं की प्रतिभा को निखारा जा सके।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana News: हरियाणा में 28 से 30 जुलाई तक होने वाला खेल महाकुंभ फिर टल गया है। 26 और 27 जु लाई को तृतीय श्रेणी पदों की सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) तथा 30 और 31 जुलाई को हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) के कारण खेल प्रतियोगिता स्थगित करनी पड़ी है। अब यह प्रतियोगिता अगस्त में होगी, जिसकी तिथि जल्द तय कर दी जाएगी।
सीईटी और एचटेट के अभ्यर्थियों और खिलाड़ियों को कोई असुविधा न हो, इसलिए खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने अधिकारियों को खेल महाकुंभ की तिथि बदलने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे पहले 11 जुलाई को खेल महाकुंभ शुरू होना था, लेकिन नौ जुलाई को अचानक से आदेश जारी करते हुए प्रतियोगिता स्थगित कर दी गई।
इसके बाद प्रतियोगिता के शुभारंभ के लिए 28 जुलाई निर्धारित की गई थी, लेकिन फिर से प्रतियोगिता स्थगित होने के कारण खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए कुछ और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।
गौरव गौतम ने बताया कि पैरा एशियन गेम्स 2022 में पदक जीतने वाले 13 खिलाड़ियों के 19 करोड़ 72 लाख 50 हजार रुपये और चार खिलाड़ियों के 12 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
75 लाख रुपये का दिया जाता है अवॉर्ड
प्रदेश सरकार की ओर से स्वर्ण पदक विजेता को तीन करोड़, रजत पदक विजेता को 1.50 करोड़ और कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी को 75 लाख रुपये का अवॉर्ड दिया जाता है।
यह गर्व की बात है कि प्रदेश के खिलाड़ी ओलिंपिक, विश्व चैंपियनशिप, एशियन व कॉमनवेल्थ जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं में सबसे ज्यादा पदक जीतकर प्रदेश व देश का नाम रोशन कर रहे हैं। प्रदेश सरकार खिलाड़ियों के लिए ज्यादा से ज्यादा खेल सुविधाएं व उनका मनोबल बढ़ाने के लिए कैश अवॉर्ड मुहैया कराने के लिए लगातार प्रयासरत है।
हरियाणा में खोली गईं 500 नर्सरियां
खेल राज्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश व देश की तरक्की में स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मन के लोगों का अहम योगदान होता है। इसी को ध्यान में रखकर खेल नीति बनाई गई है।
दूसरे प्रदेश भी हमारी खेल नीति का अनुसरण कर रहे हैं। प्रदेश सरकार न सिर्फ खिलाड़ियों को आर्थिक मजबूती दे रही है, बल्कि खेल के दौरान चोटिल होने पर उनके इलाज का खर्च भी वहन कर रही है। युवाओं की प्रतिभाओं को निखारने के लिए प्रदेश में 1500 खेल नर्सरियां खोली गई हैं, जिनमें अभ्यास कर खिलाड़ी लगातार पदक जीत रहे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।