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    HPS अधिकारियों को पहली बार मिली जेलों की कमान, कुख्यात बदमाशों पर अंकुश लगाने के लिए होगी नियुक्ति

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 08:12 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने जेलों में नया प्रयोग करते हुए डीएसपी रैंक के एचपीएस अधिकारियों को जेल अधीक्षक नियुक्त किया है। गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने विवेक चौधरी और सत्येंद्र कुमार को गुरुग्राम और यमुनानगर जेलों का सुपरिंटेंडेंट बनाया है। यह फैसला पुलिस विभाग के प्रस्ताव पर आधारित है जिसका उद्देश्य जेलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल और गैंगस्टर गतिविधियों को रोकना है। वर्दी को लेकर भी विवाद की स्थिति है।

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    एचपीएस अधिकारियों को पहली बार मिली जेलों की कमान। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की जेलों में सरकार ने नया प्रयोग किया है। हरियाणा पुलिस के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट (डीएसपी) रैंक के एचपीएस अधिकारियों की पहली बार जेल अधीक्षक बनाया है।

    हालांकि पड़ोसी राज्य पंजाब में पहले से ही इस तरह की पोस्टिंग होती रही है, लेकिन वहां के अनुभव बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। शनिवार को गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा की ओर से जारी आदेश में डीएसपी विवेक चौधरी को नरेश गोयल की जगह भौंडसी (गुरुग्राम) जेल का सुपरिंटेंडेंट लगाया गया है।

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    इसी तरह डीएसपी सत्येंद्र कुमार को विशाल छिब्बर की जगह यमुनानगर जेल का सुपरिंटेंडेंट लगाया है। विशाल छिब्बर को जेल महानिदेशक कार्यालय में लगाया गया है। जेल विभाग में पुलिस व अन्य सेवाओं के अधिकारियों की नियुक्ति के अनुभव पहले भी अच्छे नहीं रहे हैं। नई दिल्ली स्थित तिहाड़ व पंजाब के अलावा गुजरात में भी ऐसा किया जा चुका है।

    पंजाब की जेलों से फोन मिलने सहित क्राइम की सबसे अधिक वारदातें सामने आती हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा कई बार पंजाब की जेलों को लेकर तल्ख टिप्पणी भी की गई है।

    वहीं हरियाणा की जेलें पारदर्शिता, इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाओं व अनुशासन के मामले में देशभर में शीर्ष पर आती हैं। अहम बात यह है कि हरियाणा की जेलों में आइपीएस-एचपीएस की पोस्टिंग का प्रपोजल जेल विभाग या सरकार की ओर से नहीं, बल्कि पुलिस विभाग की ओर से बनाया गया था।

    पुलिस विभाग की ओर से दलील दी गई कि जेलों में मोबाइल फोन मिलते हैं। गैंगस्टर क्रिमिनल एक्टिविटी को आसानी से अंजाम देते हैं। कानून एवं व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के नाम पर यह प्रस्ताव बना और अब सरकार ने इसे सिरे भी चढ़ा दिया।

    हालांकि जेल विभाग में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट रैंक के अधिकारी की वर्दी पर अशोक स्तंभ लगता है। वहीं, सरकार ने डीएसपी रैंक के अधिकारियों को जेलों में बतौर सुपरिंटेंडेंट पोस्टिंग दी है। डीएसपी थ्री-स्टार लगाते हैं। ऐसे में जेल विभाग के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के सामने यह भी दुविधा रहेगी कि वे नियुक्त किए गए सुपरिंटेंडेंट को सेल्यूट कैसे करें।

    वर्दी में बदलाव की तैयारी

    पूर्व की मनोहर सरकार के समय जेल विभाग के अधिकारियों के लिए वर्दी शुरू की गई थी। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अब पुलिस विभाग वर्दी को लेकर भी बदलाव करने के मूड़ में है। इसके लिए प्रपोजल बनाकर भी भेजा गया है।

    वहीं, जेल विभाग के अधिकारियों की ओर से दिए गए रिप्लाई में इसका विरोध भी किया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर पुलिस व जेल विभाग में टकराव भी देखने को मिल सकता है।

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