किताबों से जिंदगी बदलने का प्रयास, हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों में पढ़ाई का क्रेज, ग्रेजुएट होने की दौड़ में सबसे ज्यादा
हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों के बीच शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ रहा है। पिछले एक साल में नामांकन की संख्या पिछले 10 वर्षों के बराबर हो गई है। सबसे ...और पढ़ें

हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों ने पढ़ाई के लिए दस वर्षों के बराबर एक साल में किए नामांकन।
जागरण संवाददाता, पंचकूला। हरियाणा की जेलों में अब शिक्षा का माहौल तेजी से विकसित हो रहा है। इसका असर साफ दिखाई दे रहा है, क्योंकि पिछले दस वर्षों की तुलना में केवल इस साल ही उतने बंदी और कैदी पढ़ाई के लिए नामांकित हुए हैं जितने पहले पूरे दशक में हुए थे। यह जानकारी हरियाणा जेल महानिदेशक आलोक राय ने दी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान वर्ष में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल के तहत 10वीं कक्षा में 550 बंदी, 12वीं में 377 बंदी और वेल्डिंग कोर्स में 20 बंदी नामांकित हुए हैं। वहीं इग्नू के माध्यम से ग्रेजुएशन के लिए 704, पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए 16 और सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 134 बंदियों ने नामांकन कराया है।
इनकी परीक्षाएं इसी माह आयोजित की जानी प्रस्तावित हैं। जेल महानिदेशक ने बताया कि पिछले 14 वर्षों में 1138 बंदियों ने 10वीं, 771 ने 12वीं कक्षा पास की है, जबकि 20 बंदियों ने व्यवसायिक कोर्स पूरे किए हैं। इस निरंतर प्रयास के परिणामस्वरूप इस वर्ष नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
पांच जेलों में शुरू हुए वोकेशनल और आईटीआई कोर्स
हरियाणा की पांच जेलों गुरुग्राम, अंबाला, करनाल, पानीपत और फरीदाबाद में वोकेशनल ट्रेनिंग और आईटीआई कोर्स शुरू किए जा चुके हैं। इन जेलों में कक्षाओं के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवा दिए गए हैं। इस पहल के लिए जेल विभाग और हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इस पर जेल विभाग के चीफ प्रोबेशन ऑफिसर विशाल सिंह और एचकेआरएन की जीएम अंबिका पटियाल ने हस्ताक्षर किए। जेल प्रशासन का मानना है कि शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से बंदियों को समाज की मुख्यधारा में लौटने का अवसर मिलेगा। यह पहल न केवल पुनर्वास की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि अपराध की पुनरावृत्ति को रोकने में भी सहायक सिद्ध होगी।

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