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    एसआईआर से पहले हरियाणा में हलचल, 2002 के रिकॉर्ड से हो रहा वोटरों का मिलान; अब तक 79 लाख नाम वेरिफाई

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 10:10 PM (IST)

    हरियाणा में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू होने से पहले, निर्वाचन विभाग मतदाता सूचियों का मिलान कर रहा है। बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से जानकारी जुट ...और पढ़ें

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    हरियाणा में एसआईआर की घोषणा से पहले ही मतदाता सूचियों का मिलान किया जा रहा है।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर-सर) आरंभ होने से पहले निर्वाचन विभाग अपनी तैयारियों में जुट गया है। एसआईआर की विधिवत घोषणा होने से पहले ही राज्य में सभी बीएलओ द्वारा पिछले गहन पुनरीक्षण की मतदाता सूची वर्ष 2002 से वर्तमान मतदाता सूची का मिलान किया जा रहा है।

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    इसके अतिरिक्त, जिन मतदाताओं का नाम वर्ष 2002 की मतदाता सूची में दर्ज नहीं है, लेकिन उनके माता-पिता, दादा-दादी का नाम वर्ष 2002 की मतदाता सूची में दर्ज है, उनका भी मिलान हो रहा है। हरियाणा में करीब पौने तीन करोड़ की आबादी है और करीब दो करोड़ मतदाता हैं।

    हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ए श्रीनिवास ने बताया कि इस कार्य को समय पर पूर्ण करने के लिए राज्य के सभी बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से सूचना प्राप्त कर रहे। अभी तक राज्य के वर्तमान मतदाताओं की संख्या में से लगभग 79 लाख मतदाताओं का वर्ष 2002 की मतदाता सूची से मिलान किया जा चुका है।

    श्रीनिवास ने बताया कि जिन मतदाताओं को यह नहीं मालूम है कि वर्ष 2002 की मतदाता सूची में स्वयं उनका नाम या उनके माता-पिता, दादा-दादी का नाम किस विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के किस भाग में दर्ज है, वे भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाईट www.eci.gov.in पर उपलब्ध (Search your name in last SIR) के तहत खोज सकते है।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य के मतदाताओं से अपील की है कि उनके घर आने वाले बीएलओ को सही सूचना प्रदान करें और सहयोग दें, ताकि राज्य की मतदाता सूची त्रुटिरहित तैयार की जा सके।

    बता दें कि अभी देश के 12 राज्यों में एसआईआर संचालित हो रहा है। इन राज्यों में अभी हरियाणा का नाम शामिल नहीं है, लेकिन निर्वाचन विभाग की ओर से इसके हरियाणा में भी जल्दी ही चालू होने के संकेत दे दिए गए हैं।

    बीएलओ की मौत से आक्रोशित कर्मचारियों का प्रदर्शन

    अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर बुधवार को 'एसआईआर' में अनावश्यक दबाव से परेशान दो दर्जन से अधिक बीएलओ की हुई मौत से आक्रोशित राज्य कर्मचारियों ने आक्रोश प्रदर्शन किए। कुछ बीएलओ ने अत्याधिक व बहुत कम समय में एसआईआर का कार्य पूरा नहीं करने के कारण प्रशासन की प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या कर ली और कइयों की मानसिक तनाव के कारण हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई।

    हरियाणा में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले प्रदर्शन किए गए। कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि बीएलओ की मौतें अचानक हुई मौतें नहीं हैं, बल्कि ये एक गैर-जिम्मेदार और अमानवीय प्रशासनिक प्रक्रिया का सीधा नतीजा हैं। इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, लेकिन चुनाव आयोग ऐसा करता दिखाई नहीं दे रहा है।