हरियाणा में 46% अतिरिक्त वर्षा से बने बाढ़ जैसे हालात, इन जिलों में हुई सबसे अधिक बारिश
हरियाणा में इस सीजन में सामान्य से 46% अधिक वर्षा हुई है जिससे कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। गुरुग्राम फरीदाबाद जैसे शहरों में जलभराव से लोग परेशान हैं। यमुनानगर में सबसे अधिक और सिरसा में सबसे कम वर्षा हुई। फरीदाबाद में यमुना में बाढ़ से तटीय इलाके प्रभावित हुए और गुरुग्राम में राजमार्गों पर लंबा जाम लगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। इस सीजन में अन्य पांच साल के मुकाबले हरियाणा में औसतन 46 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। जिसके चलते ही 12 से अधिक जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हुई। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत सहित कई जिलों में जलभराव से लोगों को जूझना पड़ा।
राज्य में औसतन 385 एमएम वर्षा रिकार्ड होती थी, इस बार एक जून से नौ सितंबर तक 563.8 एमएम वर्षा हो चुकी है। 13 सितंबर तक अभी करनाल, अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में वर्षा होने की संभावना मौसम विभाग की ओर जताई जा रही है।
फरीदाबाद में गुरुग्राम के मुकाबले कम बरसात हुई, लेकिन इन दोनों जिलों में पिछले तीन सालों के मुकाबले वर्षा अधिक हुई है। गुरुग्राम में 618.7 तथा फरीदाबाद में 558.1 एमएम वर्षा हुई। फरीदाबाद में यमुना ने आई बाढ़ ने कई तटवर्ती गांव में तबाही मचाई।
गुरुग्राम में हाईवे पर लोगों को 15 घंटे से अधिक देर तक जाम से जूझना पड़ा, वहीं द्वारका एक्सप्रेस किनारे डूब क्षेत्र में बनी एक दर्जन से अधिक सोयायटी में साहबी नदी के पानी ने कोहराम मचाया। लोगों को मकान अपना आशियाना तक छोड़ सुरक्षित जगह पर किराये पर रहना पड़ रहा है।
सबसे अधिक वर्षा यमुनानगर में हुई। यहां पर अभी तक 1080 एमएम वर्षा हुई है। महेंद्रगढ़ जिला में 818.0 एमएम वर्षा दर्ज की गई। सबसे कम वर्षा सिरसा में हुई,यहां पर 346.6 एमएम वर्षा हुई। भिवानी में 389.0 एमएम वर्षा ने ही जिले के लोगों को परेशान कर दिया। शहरों में सफाई के अभाव में लोग जलभराव से परेशान दिखे।
Bकिस जिले में कितनी वर्षा हुई
जिला
यमुनानगर- 1080.0 एमएम
अंबाला- 663.8
भिवानी- 389.0
चरखी दादरी-534.9
फरीदाबाद - 558.1
गुरुग्राम- 618.7
फतेहाबाद - 572.9
हिसार- 516.3
झज्जर- 693.7
जींद- 386.5
कैथल - 405.3
करनाल- 467.4
कुरुक्षेत्र- 765.4
महेंद्रगढ़ - 818.0
नूंह- 711.1
पलवल - 522.9
पंचकूला- 736.5
पानीपत - 634.1
रेवाड़ी- 682.2
रोहतक - 626.6
सिरसा- 346.6
सोनीपत- 556.5
(मौसम विभाग द्वारा दिए गए आंकड़े एक जून से नौ सितंबर तक के हैं)
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