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    हरियाणा में खराब लिंगानुपात से भड़का स्वास्थ्य विभाग, CMO-SMO को कारण बताओ नोटिस; जागरुकता अभियान चलाने के दिए निर्देष

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 04:20 PM (IST)

    हरियाणा में खराब लिंगानुपात को लेकर स्वास्थ्य विभाग सख्त हो गया है। कई जिलों के सीएमओ और एसएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, साथ ही एक एसएमओ को चार्जशीट भी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने और लिंगानुपात में सुधार के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है, जिसके लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

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    सिरसा, सोनीपत और चरखी दादरी में लिंगानुपात गिरा, फतेहाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला, पानीपत और रेवाड़ी में सुधार (प्रतीकात्मक फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। विभिन्न जिलों में खराब लिंगानुपात को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। चार जिलाें के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) और तीन वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

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    इसी तरह चरखी दादरी के गोपी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के एसएमओ को खराब लिंगानुपात के लिए आरोप पत्र (चार्जशीट) जारी किया गया है।

    लिंगानुपात में सुधार के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साप्ताहिक बैठक स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डा. वीरेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई। इसमें बताया गया कि नारायणगढ़, मुलाना और चौरमस्तपुर के प्रभारी एसएमओ और पलवल, चरखी दादरी, सिरसा और सोनीपत के सीएमओ को खराब लिंगानुपात पर कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

    फतेहाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला, पानीपत और रेवाड़ी में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जबकि सिरसा, सोनीपत और चरखी दादरी में गिरावट देखी गई है।

    बैठक में बताया गया कि राज्य में पहली जनवरी से 10 नवंबर तक लिंगानुपात 912 दर्ज किया गया है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 904 था। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने और लिंगानुपात में और सुधार लाने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।

    अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने और अल्ट्रासाउंड केंद्रों का समन्वित निरीक्षण करने का निर्देश देते हुए डा. वीरेंद्र यादव ने कहा कि लिंग जांच के दोषी डाक्टरों के लाइसेंस रद कर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

    साथ ही एक वर्ष से कम उम्र की सभी अपंजीकृत बच्चियों का पंजीकरण करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। खासकर उन जिलों में, जहां लिंगानुपात में गिरावट देखी जा रही है।

    स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक ने कहा कि सटीकता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) पोर्टल के आंकड़ों को वास्तविक प्रसव रिकार्ड के साथ जोड़ा जाए।

    सभी जिला अधिकारियों को अवैध गर्भपात के मामलों में दोषसिद्धि दर में सुधार के प्रयासों को मजबूत करने और आवश्यकतानुसार नई अपील दायर करने की जरूरत है। उन्होंने सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ाते हुए आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को शामिल करने और संस्थागत प्रसव तथा समय से पहले प्रसव पंजीकरण को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया।