Updated: Fri, 05 Sep 2025 11:12 PM (IST)
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा के कॉलेजों में कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर्स को 58 वर्ष से अधिक सेवा विस्तार देने से मना कर दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यूजीसी के 70 वर्ष तक पुनर्नियुक्ति वाले नियम केवल नियमित फैकल्टी पर लागू होते हैं एक्सटेंशन लेक्चरर्स पर नहीं। याचिकाकर्ताओं ने यूजीसी नियम 2018 का हवाला दिया था जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।
दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। हरियाणा के कालेजों में कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर्स को 58 वर्ष की आयु से अधिक सेवा विस्तार देने से इंकार करते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के जो नियम 70 वर्ष तक अनुबंध पर पुनर्नियुक्ति की अनुमति देते हैं, वह केवल नियमित फैकल्टी पर लागू होते हैं।
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एक्सटेंशन लेक्चरर्स पर यूजीसी के इन नियमों को लागू नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट के जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने यह आदेश रीता टंडन व अन्य द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए पारित किया, जो अंबाला के पोस्ट ग्रेजुएट कालेज में हिंदी विषय में एक्सटेंशन लेक्चरर (सहायक प्रोफेसर) के रूप में 2012 से कार्यरत हैं।
उन्होंने 58 वर्ष की आयु से अधिक सेवा जारी रखने की मांग की थी, जिसमें दावा किया गया था कि यूजीसी नियम 2018 सहायक प्रोफेसरों को 70 वर्ष की आयु तक अनुबंध पर पुनर्नियुक्ति की अनुमति देते हैं।
उन्होंने 13 मई 2023 की संशोधित नीति व दिशा निर्देशों के खंड 27 को रद करने की मांग की थी, जिसमें निर्धारित है कि कोई भी पात्र एक्सटेंशन लेक्चरर 58 वर्ष की आयु से अधिक सेवा में नहीं रखा जाएगा। यह भी दलील दी गई कि याचिकाकर्ता हिंदी में पात्र एक्सटेंशन लेक्चरर के रूप में कार्यरत हैं।
चूंकि विभाग में सहायक प्रोफेसरों को सेवानिवृत्ति की आयु के बाद 70 वर्ष तक अनुबंध के आधार पर पुनर्नियुक्त करने की नीति है, जो यूजीसी के नियम उच्च शिक्षा में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और मानकों के रखरखाव के उपाय 2018 (यूजीसी नियम) के अनुरूप हैं।
यह नियम याचिकाकर्ता जैसे एक्सटेंशन लेक्चरर्स को 70 वर्ष की आयु तक सेवा जारी रखने का हक प्रदान करते हैं। याचिका का कड़ा विरोध करते हुए हरियाणा सरकार ने तर्क दिया कि एक्सटेंशन लेक्चरर की सेवा को 58 वर्ष से अधिक बढ़ाने का कोई प्रविधान नहीं है। विभाग में नियमित रूप से नियुक्त सहायक प्रोफेसर भी उसी आयु में सेवानिवृत्त होते हैं।
सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस दहिया ने देखा कि मई 2023 की नीति पात्र एक्सटेंशन लेक्चरर के लिए अधिकतम आयु 58 वर्ष निर्धारित करती है, जो विभाग में नियमित शिक्षकों और सहायक प्रोफेसरों के लिए निर्धारित आयु के समान है।
इसलिए इसमें कुछ भी मनमाना या अवैध नहीं है। याचिकाकर्ता द्वारा उल्लिखित यूजीसी नियम केवल यह निर्धारित करते हैं कि नियमित सहायक प्रोफेसरों, सहायक प्रोफेसरों और प्रोफेसरों को संबंधित विश्वविद्यालय या कालेज में लागू सेवानिवृत्ति की आयु के बाद 70 वर्ष तक अनुबंध पर पुनर्नियुक्त किया जा सकता है। हाई कोर्ट ने सभी तथ्यों को देखने के बाद याचिका को खारिज कर दिया।
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