हरियाणा में नियमित राजस्व एवं वित्त सचिव नहीं, 10 महीने से पद खाली; कामकाज पर पड़ रहा है असर
हरियाणा में पिछले 10 महीनों से राजस्व और वित्त सचिव के नियमित अधिकारी नहीं मिल पाए हैं, जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है। गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा रा ...और पढ़ें
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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में पिछले 10 माह से राजस्व विभाग को दो नियमित वरिष्ठ अधिकारी नहीं मिल पाए हैं। राजस्व सचिव और वित्त सचिव के पद अतिरिक्त कार्यभार के रूप में संचालित किए जा रहे हैं।
नियमित राजस्व सचिव और वित्त सचिव के अभाव में न केवल राजस्व विभाग के कामकाज पर असर पड़ रहा है, बल्कि जिन अधिकारियों के पास यह दोनों दायित्व हैं, उनका वास्तविक कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। राजस्व सचिव और वित्त सचिव बनने की दौड़ में शामिल आइएएस अधिकारियों की निगाह इन पदों पर टिकी हुई है।
हरियाणा की गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा राजस्व विभाग के सचिव (एफसीआर) के लिंक अधिकारी के तौर पर अतिरिक्त सेवाएं प्रदान कर रही हैं, जबकि राज्य के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के पास वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का अतिरिक्त कार्यभार है।
प्रदेश सरकार की ब्यूरोक्रेसी में राज्य के मुख्य सचिव के बाद दूसरा सबसे अहम और प्रतिष्ठित पद एफसीआर अर्थात राजस्व सचिव का ही होता है, जिस पद पर सामान्यत: मुख्य सचिव के बैच वाले वर्ष का आइएएस या उनके तत्काल निम्न बैच वर्ष का योग्य आइएएस अधिकारी तैनात किया जाता है।
केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित आइएएस सिविल लिस्ट के अनुसार हरियाणा में 1990 बैच में सबसे ऊपर सुधीर राजपाल हैं जो वर्तमान में प्रदेश के स्वास्थ्य, आयुष, चिकित्सा शिक्षा एवं वन विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं।
उनके बाद डा. सुमिता मिश्रा हैं, जो प्रदेश के गृह, न्याय-प्रशासन एवं जेल विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। सुधीर राजपाल और सुमिता मिश्रा के बाद 1990 बैच के आइएएस अनुराग रस्तोगी हैं जो फिलहाल राज्य के मुख्य सचिव हैं। बीती जून में उन्हें सेवा में एक वर्ष का एक्सटेंशन मिला। उनके बाद राजा शेखर वुंडरू हैं, जो मछली पालन और परिवहन विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं।
प्रशासनिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार एडवोकेट के अनुसार इस वर्ष 19 फरवरी 2025 को जब प्रदेश के तत्कालीन एफसीआर अर्थात राजस्व सचिव अनुराग रस्तोगी को प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया गया, तब उनके बाद से आज तक राज्य सरकार में नियमित एफसीआर अर्थात राजस्व सचिव की तैनाती नहीं की गई है।
हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में तबादला, रिटायरमेंट, छुट्टी, ट्रेनिंग और चुनावी ड्यूटी आदि के कारणों से प्रशासनिक पदों पर हुई रिक्ति के लिए लिंक अधिकारी पदांकित करने संबंधी सर्कुलर जारी है। इसके अनुसार अगर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रशासनिक सचिव का पद रिक्त होता है, तो गृह विभाग का प्रशासनिक सचिव उसका प्रथम लिंक आफिसर होगा, जबकि वित्त विभाग का प्रशासनिक सचिव द्वितीय लिंक आफिसर होगा।
इस आधार पर 20 फरवरी से हरियाणा सरकार में गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा वर्तमान में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन और चकबंदी विभाग की लिंक आफिसर हैं. हालांकि लिंक आफिसर पदांकित करने की व्यवस्था चिरस्थायी नहीं होती, बल्कि अंतरिम अथवा अस्थायी होती है, जो केवल कुछ समय के लिए ही प्रयोग में लानी चाहिए।
चूंकि शीघ्र ही देश की आगामी जनगणना 2027 का कार्य आरंभ होने वाला है एवं हरियाणा सरकार में यह विषय राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधीन आता है, इसलिए जल्दी ही नियमित तौर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त राजस्व की तैनाती की जरूरत महसूस की जा रही है।

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