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    हरियाणा में शुरू होगी गुरु-शिष्य कौशल सम्मान योजना, 200 करोड़ होंगे खर्च, 75 हजार बनेंगे हुनरमंद

    Updated: Wed, 19 Feb 2025 07:27 PM (IST)

    हरियाणा सरकार जल्द ही गुरु-शिष्य कौशल सम्मान योजना की शुरुआत करेगी। इस योजना पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके पहले चरण में 25 जहार युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। शुरुआती तौर पर करीब दो सौ करोड़ रुपये इस योजना पर खर्च किए जा सकते हैं। राज्य मंत्री की ओर से प्रदेश की सभी आईटीआई में मल्टीपर्पज हॉल का निर्माण करवाने की योजना बनाने के आदेश दिए गए हैं।

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    हरियाणा सरकार जल्द ही 'गुरु-शिष्य कौशल सम्मान योजना' की शुरुआत करेगी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

     राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की नायब सरकार राज्य में 'गुरु-शिष्य कौशल सम्मान योजना' की शुरुआत करेगी। केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करीब डेढ़ साल पहले इस योजना को शुरू करने की घोषणा की थी। लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ पाई थी। अब इस योजना के लिए राज्य सरकार के बजट में प्रावधान किया जाएगा। शुरुआत तौर पर करीब दो सौ करोड़ रुपये योजना पर खर्च किए जा सकते हैं। इस योजना के तहत भगवान विश्वकर्मा के नाम पर बने देश के पहले कौशल विश्वविद्यालय दूधला (पलवल) के साथ मिलकर 75 हजार युवाओं को कुशल बनाया जाएगा।

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    पहले चरण में 25 हजार युवाओं को कुशल बनाया जाएगा

    राज्य के करीब 25 हजार श्रमिकों के कौशल को निखारने के साथ ही पहले चरण में 25 हजार युवाओं को कुशल बनाने की हरियाणा सरकार की योजना है। हरियाणा के युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता और खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने चंडीगढ़ में विभागीय अधिकारियों को गुरु-शिष्य कौशल सम्मान योजना का खाका नये सिरे से तैयार करने के आदेश दिए, ताकि साल 2025-26 के बजट में इसके क्रियान्वयन के लिए धन का प्रविधान कराया जा सके। प्रदेश के हर जिले में आईटीआईमें स्किल सेंटर और पांच जिलों में यूथ हास्टलों का निर्माण कराए जाने की योजना भी तैयार की जा चुकी है। गौरव गौतम ने इसके लिए अधिकारियों को पूरा प्रस्ताव बनाने के आदेश दिए।

    बजट में इन कार्यों के लिए राशि का प्रावधान होगा। जिन पांच जिलों में यूथ हास्टल बनेंगे, उनका चयन बजट की स्वीकृति के बाद किया जाएगा। राज्य मंत्री ने प्रदेश की सभी आइटीआई में मल्टीपर्पज हॉल का भी निर्माण करवाने की योजना बनाने के भी आदेश दिए। साथ ही जिला स्तर पर यूथ पार्लियामेंट का आयोजन कराने को कहा गया है। जिसमें हर जिले में 8 से 10 हजार युवा भागीदारी करेंगे। उन्होंने बैठक में कहा कि गुरु-शिष्य कौशल सम्मान योजना सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत पहले चरण में 25 हजार युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जएगी। इसके जरिये युवाओं की प्रतिभा में निखार आएगा तथा वह अच्छी कंपनियों और फैक्टरियों में काम करने के अलावा स्वयं के रोजगार भी स्थापित कर सकेंगे।

    आइटीआई के बच्चों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार दिलाया जाए

    भविष्य में यही युवा दूसरे युवाओं को रोजगार देने का भी काम करने वाले हैं। गौरव गौतम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आईटीआईके बच्चों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार दिलाने के लिए अधिक से अधिक कंपनियों तथा औद्योगिक इकाइयों से संपर्क साधा जाए। कितने युवाओं को रोजगार मिला है, उनका रिकॉर्ड भी तैयार करने को कहा गया है ताकि अगली बैठक में समीक्षा की जा सके। उन्होंने जानकारी दी कि अगले पांच साल के भीतर प्रदेश के विभिन्न जरूरतमंद ब्लाकों में 26 आईटीआईखोली जाएंगी ताकि युवाओं को स्किल ट्रेनिंग लेने में दिक्कत ना आए। इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।

    राज्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुरूप कौशल योजनाओं के तहत ज्यादा से ज्यादा युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करने के पाठ्यक्रम तैयार करें। हरियाणा सरकार का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मुहैया करवाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सक्षम योजनाएं, ड्रोन दीदी योजना, प्रधानमंत्री किसान कल्याण निधि योजना को धरातल पर पहुंचाने की पहल करनी होगी। बैठक में युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेंद्र कुमार समेत विश्वविद्यालय के अधिकारी शामिल हुए।