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    1984 के दंगों के पीड़ित परिवारों को मिलेगी सरकारी नौकरी, हरियाणा CM सैनी ने अचानक किया एलान; आखिर क्या है मामला?

    हरियाणा सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से पीड़ित 121 परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में इसकी घोषणा की। पीड़ित परिवारों को आपसी सहमति से एक सदस्य का नाम सरकार को भेजना होगा। सरकार उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी देगी।

    By Anku Chahar Edited By: Anku Chahar Updated: Tue, 26 Aug 2025 10:23 PM (IST)
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    सिख विरोधी दंगों में जान गंवाने वालों के परिजनों को सरकारी नौकरियां देगी नायब सरकार (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में प्रभावित सभी 121 परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की महत्वपूर्ण घोषणा की है।

    इन परिवारों के सदस्य सिख विरोधी दंगों में मारे गए थे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा के मानसून सत्र में यह घोषणा करते हुए कहा कि पीड़ित परिवार के सदस्यों को आपसी सहमति से तय करना होगा कि किस सदस्य को नौकरी दी जानी है।

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    इसके लिए जिला उपायुक्त के माध्यम से हरियाणा सरकार के पास नाम भेजा जाएगा, ताकि राज्य सरकार संबंधित सदस्य को उसकी योग्यता के हिसाब से यथोचित नौकरी प्रदान कर सके।

    पंजाब चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा फैसला

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की इस घोषणा को निकटवर्ती राज्य पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

    मुख्यमंत्री ने यह घोषणा करने से पूर्व विधानसभा में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर एक सरकारी प्रस्ताव पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।

    इस प्रस्ताव में कहा गया कि पूरा देश नौवें सिख गुरु एवं हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 350वां शहीदी वर्ष मना रहा है। यह सदन उनके अद्वितीय बलिदान के प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त करता है।

    मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि यह सदन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी द्वारा आस्था और अंतःकरण की स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा के लिए नवंबर 1675 में दिल्ली के चांदनी चौक में दिए गए उनके जीवन के सर्वोच्च बलिदान का स्मरण करता है।

    उनके अनुयायी भाई मती दास जी को जीवित ही आरे से काटा गया था, भाई सती दास जी को रुई में लपेटकर जला दिया गया था और भाई दयाला जी को गरम पानी की कढ़ाही में जिंदा उबाला गया था।

    उन्होंने अटूट विश्वास के साथ शहादत को गले लगाया। यह बलिदान उनके साहस और धर्म के प्रति दृढ़ निष्ठा का प्रतीक है।

    दंगा पीड़ितों से मिले थे CM सैनी

    नायब सैनी ने इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद कहा कि जब वे भी हरियाणा के दौरे पर निकले तो सिख विरोधी दंगों के पीड़ित परिवार के सदस्यों ने मिलकर अपनी व्यथा सुनाई।

    1984 में सिख विरोधी दंगों में प्रदेश में लगभग 20 गुरुद्वारों, 221 मकानों, 154 दुकानों, 67 फैक्ट्रियों, तीन रेल डिब्बों और 85 वाहनों को जला दिया गया था।

    इन दंगों में 58 व्यक्ति घायल हुए थे और 121 लोगों की मृत्यु हुई थी। पीड़ित परिवारों की व्यथा सुनने के बाद हरियाणा सरकार ने ऐसे परिवारों के पुनर्वास का जिम्मा लिया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवारों को आपसी सहमति से परिवार के एक सदस्य का नाम तय करना होगा, जिसे उपायुक्त मुख्य सचिव के पास भिजवाएंगे।

    नौकरियां देने के प्रारूप, नियम और शर्तों के बारे में जल्दी ही अधिसूचना जारी की जाएगी। बता दें कि दिल्ली सरकार ने हाल ही में 125 पीड़ित परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरियों के लिए लेटर जारी किए हैं।

    गुरु तेग बहादुर साहिब जी पर बोले CM सैनी

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में जो सरकारी प्रस्ताव पेश किया, उसके मुताबिक श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का हरियाणा की भूमि से गहरा जुड़ाव रहा है।

    अपनी यात्राओं के दौरान गुरु साहिब ने कुरुक्षेत्र, पिहोवा, कैथल, जींद, अंबाला, चीका और रोहतक में आकर इस भूमि को पवित्र किया।

    सीएम ने कहा कि इन स्थानों पर स्थित पवित्र गुरुद्वारे, जींद में गुरुद्वारा श्री धमतान साहिब और गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब, अंबाला में गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब हमें उनके आशीर्वाद और शिक्षाओं की याद दिलाते हैं।

    सोनीपत के शहीद कुशाल सिंह दहिया के बलिदान को किया याद

    मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव में कहा कि यह सदन भाई जैता जी की विशेष भूमिका को कृतज्ञतापूर्वक याद करता है। उन्होंने बेमिसाल वीरता के साथ श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के शीश को दिल्ली से श्री आनंदपुर साहिब तक पहुंचाया।

    यह सदन सोनीपत जिले के गांव बड़खालसा के शहीद कुशाल सिंह दहिया जी के सर्वोच्च बलिदान को भी याद करता है।

    कुशाल सिंह दहिया जी ने मुगल सैनिकों को भ्रमित करने के लिए अपना शीश अर्पित कर दिया था। इसके फलस्वरूप ही श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के पवित्र शीश को श्री आनंदपुर साहिब तक सुरक्षित ले जाया जा सका।

    शहादत का राष्ट्रीय इतिहास और गौरवशाली अध्याय

    मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव में कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी, भाई मती दास जी, भाई सती दास जी, भाई दयाला जी और श्री कुशाल सिंह दहिया जी की शहादत न केवल हमारे राष्ट्रीय इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय है, बल्कि अत्याचार और उत्पीड़न के विरुद्ध प्रतिरोध का एक शाश्वत और सार्वभौमिक प्रतीक भी है।

    उनका यह अद्वितीय साहस मानवता को न्याय, सत्य और धर्म के प्रति अडिग रहने के लिए प्रेरित करता रहेगा।

    350वें शहीदी वर्ष को गरिमापूर्ण ढंग से मनाने का प्रण

    मुख्यमंत्री सैनी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

    उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान के 350वें शहीदी वर्ष को गरिमापूर्ण ढंग से मनाने का सरकार प्रण लेती है।

    इस सदन का मानना है कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के बलिदान के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में उनकी अमर शिक्षाओं को हरियाणा प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने की आवश्यकता है ताकि प्रदेश में आपसी सहयोग और भाईचारे की गौरवपूर्ण परंपरा अटूट रहे।