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    Haryana: किसानों के उत्पादों के निर्यात में मदद करेगी हरियाणा सरकार, आय बढ़ाने के मामले पर भी चर्चा करेंगे सीएम मनोहर लाल

    By Anurag Aggarwa Edited By: Deepak Saxena
    Updated: Tue, 16 Jan 2024 06:52 PM (IST)

    हरियाणा के किसानों के उत्पादों के निर्यात का माध्यम सरकार बनेगी। इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी। वहीं राज्य सरकार किसानों के लिए हरियाणा फार्मर प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन पॉलिसी भी तैयार कर रही है। वहीं बुधवार को सीएम मनोहर लाल किसान कल्याण प्राधिकरण के साथ बैठक में चर्चा करेंगे। इसके साथ ही प्रदेश सरकार का जोर राज्य में अधिक से अधिक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने पर भी है।

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    किसानों के उत्पादों के निर्यात में मदद करेगी हरियाणा सरकार।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही प्रदेश सरकार उनके उत्पादों की बिक्री के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगी। इसके लिए राज्य सरकार 'हरियाणा फार्मर प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन' पॉलिसी बनाने जा रही है।

    सीएम मनोहर लाल करेंगे किसान कल्याण प्राधिकरण पर चर्चा

    इस तरह की पॉलिसी राष्ट्रीय स्तर पर भी बनी हुई है, लेकिन राज्य सरकार अपने प्रदेश के किसानों की जरूरत, खेती के तरीकों और सुविधा के हिसाब से उसमें जरूरी बदलाव करेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल बुधवार को चंडीगढ़ में किसान कल्याण प्राधिकरण के साथ चर्चा भी करने वाले हैं।

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    मुख्यमंत्री मनोहर लाल की बैठक से पहले हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला ने मंगलवार को किसान कल्याण प्राधिकरण के चेयरमैन के नाते किसान उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों से लंबी चर्चा की। सुभाष बराला ने नार्दन फार्मर मेगा एफपीओ साथ बैठक में उनकी जरूरतों व समस्याओं को जाना तथा उपयोगी सुझाव प्राप्त किए।

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    प्रदेश सरकार की योजना राज्य के किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के साथ ही उन्हें ऐसा प्लेटफार्म उपलब्ध कराने की है, जिसमें वो अपने खेतों में पैदा की जाने वाली वस्तुओं की व्यापक स्तर पर बिक्री सुनिश्चित कर सकें। यह बिक्री देश के साथ-साथ विदेश में भी संभव हो सकेगी, जिससे उन्हें अधिक से अधिक आय प्राप्त हो सके।

    आने वाला दौर खाद्य प्रसंस्करण का होगा: सुभाष बराला

    प्रदेश सरकार का जोर राज्य में अधिक से अधिक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने पर भी है। सुभाष बराला का मानना है कि हर राज्य में खेती और किसान की जरूरत के हिसाब से परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं। हरियाणा को दिल्ली के नजदीक होने का काफी लाभ मिलता है। यहां अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से अलग-अलग फसलें पैदा की जाती हैं। आने वाला दौर खाद्य प्रसंस्करण का है, इसलिए राज्य सरकार 'हरियाणा फार्मर प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन' पॉलिसी बनाने से पहले किसानों की जरूरत और उनकी मांग का ध्यान रखना चाहती है।

    1200 किसान एफपीओ में हैं सदस्य

    हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला ने बताया कि जिस नॉर्दर्न फार्मर मेगा एफपीओ के साथ मंगलवार को चर्चा की गई है, उसमें 43 अन्य एफपीओ जुड़े हुए हैं। करीब 1200 किसान इन एफपीओ में सदस्य के तौर पर काम कर रहे हैं। करीब 10 करोड़ रुपये के वार्षिक टर्नओवर वाले इस मेगा एफपीओ ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि यहां के किसानों को यदि प्रोत्साहित किया जाए तो वह अपने उत्पादों को प्रसंस्करित कर उन्हें व्यापक स्तर पर बेच सकते हैं, जिसका लाभ किसानों की आय बढ़ाने में हो सकेगा। एफपीओ ने राज्य सरकार के समक्ष कृषि उत्पादों के निर्यात में मदद करने में रुचि दिखाई।

    हरियाणा फार्मर प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन की नियम शर्तों करेंगे सरल

    किसान कल्याण प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक राजनारायण कौशिक की उपस्थिति में हुई बैठक में सुभाष बराला ने 'नार्दर्न फार्मर मेगा एफपीओ' को बताया कि प्रदेश सरकार की कोशिश है कि प्रदेश के किसान आर्थिक रूप से अधिक सशक्त बन सकें। किसानों की जरुरत के अनुसार गठित की जाने वाली 'हरियाणा फार्मर प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन' पॉलिसी के नियम एवं शर्तों को सरल किया जाएगा।

    सीएम मनोहर लाल से बैठक में होगी व्यापक चर्चा

    सुभाष बराला ने बताया कि इस संबंध में बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ होने वाली बैठक में व्यापक विचार विमर्श होगा। मुख्यमंत्री की सोच राज्य के किसानों को हरसंभव स्तर पर प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी आय में अधिक से अधिक बढ़ोतरी करने की है। किसान मजबूत होगा तो बाजार में खरीददारी करेगा। इससे आर्थिक चक्र घुमेगा, जो कि किसान और व्यापारी से लेकर हर वर्ग को लाभ देने वाला साबित होगा।

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