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    धान खरीद में किसानों की शिकायतों पर हरियाणा सरकार सख्त, प्रत्येक मंडी में HCS अधिकारी की नियुक्ति के आदेश

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 10:23 AM (IST)

    हरियाणा सरकार ने धान खरीद में किसानों की शिकायतों पर ध्यान दिया है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को मंडियों में जाकर स्थिति का जायजा लेने का निर्देश दिया है। प्रत्येक मंडी में एक एचसीएस अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। उपायुक्तों को गेट पास और उठान प्रक्रियाओं को सुचारू करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकारी एजेंसियां किसानों को 2200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान करेंगी।

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    सभी धान मंडियों में होगी एचसीएस अधिकारी की नियुक्ति

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। प्रदेश सरकार ने धान खरीद के दौरान मंडियों में आ रही शिकायतों का संज्ञान लिया है। प्रदेश सरकार ने उपायुक्तों के साथ ही अन्य अधिकारियों को फील्ड में उतरने को कहा है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस संबंध में त्वरित कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो।

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    सभी जिला उपायुक्तों को कहा गया है कि प्रत्येक मंडी में एक एचसीएस स्तर का अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो मंडी की गतिविधियों की निगरानी करेगा। इसके साथ ही सभी उपायुक्त शनिवार से स्वयं मंडियों का दौरा कर ग्राउंड रिपोर्ट लेंगे। जिला उपायुक्तों को गेट पास, पोर्टल और उठान संबंधी प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

    मुख्य सचिव ने मार्केटिंग बोर्ड के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, निदेशक खाद्य आपूर्ति, हैफेड और कान्फैड के प्रबंध निदेशक तथा वेयरहाउसिंग के प्रबंध निदेशक को व्यक्तिगत रूप से सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए हैं। इन सभी वरिष्ठ अधिकारियों को अपने-अपने विभागों की तैयारियों और प्रबंधन की समीक्षा करने के साथ-साथ कम से कम दो-दो मंडियों का दौरा करने का आदेश दिया गया है।

    दौरों के दौरान ये अधिकारी मंडियों में व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे और किसी भी कमी को तुरंत दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि किसानों के हित सर्वोपरि हैं। धान की खरीद प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य समय पर प्राप्त हो और मंडियों में सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी और सुगम रहें।

    मंडियों में अब सरकारी खरीद एजेंसियां किसानों को 2,200 रुपये क्विंटल के हिसाब से भुगतान करेंगी। भावांतर भरपाई योजना के तहत सभी बाजरा किसानों के खातों में सरकार की ओर से 575 रुपये प्रति क्विंटल डाले जाएंगे। हालांकि मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले किसानों को ही भावांतर भरपाई की जाएगी।

    खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने बाजरे की खरीद को लेकर सभी उपायुक्तों और जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रकों को नए सिरे से आदेश जारी किया है। इससे पहले बाजरे की खरीद 2,150 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से करने के निर्देश दिए गए थे, जबकि सरकार 625 रुपये क्विंटल भावांतर भरपाई के रूप में देती। किसान अगर मंडी में निजी खरीदारों को भी बाजरा बेचते हैं तो उनके खातों में भी 575 रुपये प्रति क्विंटल डाले जाएंगे।