हरियाणा में डिजिटल तरीके से होगी 2027 की जनगणना, नायब सरकार ने जारी किया रोडमैप
हरियाणा में जनगणना अब पूरी तरह से डिजिटल होगी। राज्य सरकार ने मंडल से खंड स्तर तक अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। गणनाकार मोबाइल ऐप से डेटा एकत्र कर केंद्रीय सर्वर पर अपलोड करेंगे। यह ऐप हिंदी, अंग्रेजी समेत 14 भाषाओं में उपलब्ध होगा। अधिकारियों की नियुक्ति शुरू हो गई है और प्रशिक्षण कार्यक्रम अगले वर्ष शुरू होंगे। एक गणनाकार को 700-800 लोगों की गणना की जिम्मेदारी मिलेगी।

हरियाणा में पूरी तरह डिजिटल होगी जनगणना, रोडमैप जारी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी। जनगणना को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से मंडल से लेकर खंड स्तर तक प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वित्तायुक्त राजस्व और जनगणना-2027 की राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि गणनाकार और पर्यवेक्षक मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल रूप से डेटा एकत्र करेंगे तथा इसे सीधे केंद्रीय सर्वर पर अपलोड किया जाएगा।
जनगणना के मोबाइल ऐपकेशन, पोर्टल और अन्य डिजिटल टूल्स को हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 14 क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किया जा रहा है। जनगणना से जुड़े अधिकारियों की नियुक्ति तुरंत शुरू करने के लिए मंडल आयुक्तों को मंडल जनगणना अधिकारी, उपायुक्तों को प्रधान जनगणना अधिकारी तथा अतिरिक्त अतिरिक्त उपायुक्तों को जिला जनगणना अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उपमंडल स्तर पर एसडीएम, तहसील स्तर पर तहसीलदार और खंड स्तर पर ब्लाक विकास अधिकारी की जिम्मेदारी होगी। नायब तहसीलदार अतिरिक्त चार्ज जनगणना अधिकारी होंगे। योजना, सांख्यिकी, सूचना प्रौद्योगिकी तथा शिक्षा जैसे प्रमुख विभागों के अधिकारियों को अतिरिक्त या उप जिला जनगणना अधिकारी नियुक्त किया गया है। इनका मुख्य दायित्व फील्ड कार्य के दौरान तकनीकी सहायता, डेटा सत्यापन तथा लॉजिस्टिक समन्वय प्रदान करना होगा।
शहरी क्षेत्रों में नगर निगम आयुक्त और प्रशासनिक प्रमुख प्रधान जनगणना अधिकारी, शहरी निकायों के सीईओ और सचिव चार्ज जनगणना अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। सैन्य, अर्धसैनिक तथा अन्य रक्षा संगठनों के नियंत्रण वाले विशिष्ट क्षेत्रों के लिए विशेष चार्ज अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्रों को सांविधिक नगरों के समान माना जाएगा, जबकि विशेष रक्षा और अर्धसैनिक क्षेत्र उनसे पृथक होंगे।
जिलाधीश एवं नगर निगम आयुक्त इन विशेष क्षेत्रों की पहचान करेंगे। इसके अलावा रेलवे, सिंचाई, वन विभाग, थर्मल पावर स्टेशन आदि सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कालोनियों के लिए भी विशेष प्रविधान किए गए हैं। एक गणनाकार को औसतन 700 से 800 की आबादी की गणना की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। शिक्षक, लिपिक और स्थानीय निकाय के कर्मचारी गणनाकार नियुक्त किए जा सकते हैं, जबकि उच्च पदाधिकारी आमतौर पर पर्यवेक्षक होंगे।इस पंजीकरण में मोबाइल नंबर, ईमेल पता, कार्यालय का स्थान और पहचान दस्तावेजों जैसी अनिवार्य जानकारी शामिल होगी, जिससे पूरे राज्य में सुरक्षित और पेपरलेस संचालन सुनिश्चित होगा। गणनाकारों और पर्यवेक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम अगले वर्ष की शुरुआत में शुरू होंगे।

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