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    हरियाणा सरकार ने पहली बार दिव्यांग व्यक्ति को किया पदोन्नत, अधीक्षण अभियंता (सिविल) के रूप में मिला प्रमोशन

    Updated: Wed, 07 Feb 2024 05:52 PM (IST)

    हरियाणा में पहली बार दिव्यांग व्यक्ति (Disabled Person) को अधीक्षण अभियंता (सिविल) के रूप में पदोन्नत किया है। सीएम विंडो सार्वजनिक शिकायत पोर्टल पर अनुसूचित जाति और दिव्यांग व्यक्तियों के आरक्षण मामलों के नोडल अधिकारी (Nodal Officer) नियुक्त किया गया है। कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर सकने के कारण विभाग ने बिना वेतन के असाधारण छुट्टी स्वीकृत की थी। इसके बाद दिव्यांग ने हाईकोर्ट का सहारा लिया।

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    हरियाणा सरकार ने पहली बार दिव्यांग व्यक्ति को किया पदोन्नत (फाइल फोटो)।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हाई कोर्ट के आदेश पर हरियाणा सरकार ने पहली बार शारीरिक रूप से 75 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्ति को अधीक्षण अभियंता (सिविल) के रूप में पदोन्नत किया गया और उसे सीएम विंडो सार्वजनिक शिकायत पोर्टल पर अनुसूचित जाति और दिव्यांग व्यक्तियों के आरक्षण मामलों के लिए नोडल अधिकारी का काम सौंपा गया।

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    75 प्रतिशत दिव्यांग हो चुके कुलबीर सिंह जाखड़

    हृदय की बीमारी के कारण शारीरिक रूप से 75 प्रतिशत दिव्यांग कुलबीर सिंह जाखड़, जो लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़क) हरियाणा में कार्यकारी अभियंता थे। अपने पद के कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर सके, विभाग ने उसकी बिना वेतन के असाधारण छुट्टी स्वीकृत की थी। जाखड़ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर वेतन व सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के पद पर प्रमोशन को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

    प्रमोशन को लेकर हाई कोर्ट ने दिए थे ये आदेश

    हाई कोर्ट ने 16 फरवरी 2021 को याचिका का निपटारा करते हुए प्रमोशन व 2015 से पूरी अवधि के लिए छह प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज के साथ वेतन देने का आदेश दिया था। उपरोक्त मामले के लंबित रहने के दौरान हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था कि वह उस अवधि के लिए कार्यकारी अभियंता (सिविल) का एक अतिरिक्त पद सृजित करने पर विचार कर रही है।

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    हरियाणा सरकार के ध्यान न देने पर दोबारा ली हाईकोर्ट की शरण

    याचिकाकर्ता को समायोजित करने के लिए अक्टूबर 2018 से सुपरिटेंडिंग इंजीनियर सिविल के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। हालांकि, हरियाणा सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया, जिसके कारण याचिकाकर्ता को दोबारा हाई कोर्ट की शरण में आना पड़ा।

    हाई कोर्ट द्वारा इस मामले में जवाब तलब करने पर अब हाई कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने सरकार ने आज दिनांक 24 जनवरी 2024 को एक आदेश जारी किया, जिसमें याचिकाकर्ता को अनुसूचित जाति के आरक्षण मामलों के लिए सीएम विंडो सार्वजनिक शिकायत पोर्टल के नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त करके सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (सिविल) के रूप में पदोन्नत किया गया।

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