सूरजकुंड शिल्प मेले की तैयारियों में जुटी हरियाणा सरकार, नए साल जनवरी से शुरू
31 जनवरी 2026 से 15 फरवरी 2026 तक सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला आयोजित किया जाएगा। इस बार मिस्र भागीदार राष्ट्र होगा, जो अपनी प्राचीन संस्कृति का प्रदर्शन करेगा। उत्तर प्रदेश और मेघालय थीम राज्य होंगे। मेले में 1000 से अधिक स्टाल लगाए जाएंगे, जहां हथकरघा और हस्तशिल्प की बिक्री होगी।
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सूरजकुंड शिल्प मेले की तैयारियों में जुटी हरियाणा सरकार, फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के 39वें संस्करण की शुरुआत 31 जनवरी 2026 से होगी और 15 फरवरी 2026 तक यह मेला चलेगा।
प्राचीन इतिहास और जीवंत संस्कृति का मिश्रण अरब राष्ट्र मिस्र (इजिप्ट) भागीदार राष्ट्र के तौर पर सूरजकुंड मेले में ऐतिहासिक पिरामिड, लक्सोर के प्राचीन मंदिर, कैरो के जीवंत बाजार से भरपूर प्राचीन व आधुनिक सांस्कृतिक विधाओं से भरपूर पैवेलियन सजाएगा, जबकि उत्तर प्रदेश और मेघालय के थीम राज्य के तौर पर अपनी कला, संस्कृति और व्यंजनों का विदेशी-देशी पर्यटकों को लुत्फ देंगे।
विरासत व पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन, वस्त्र (विकास आयुक्त, हथकरघा एवं हस्तशिल्प), विदेश एवं सांस्कृतिक मंत्रालय, आइसीसीआर और हरियाणा का पयर्टन विभाग मिलकर सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के 39वें संस्करण का आयोजन करेगा।
शिल्पकुंभ में सांस्कृतिक साझेदार के रूप में उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम अपनी अहम भूमिका निभाएगा। पर्यटन विभाग ने सभी विभागों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले को भव्य एवं आकर्षक बनाने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
मेले में भारतीय संस्कृति, विरासत, कला, हस्तशिल्प, कारीगर ही नहीं विदेशी प्रतिभागी भी अपने-अपने देश की हस्तशिल्पियों एवं कारीगरी का प्रदर्शन करेंगे। डा. अरविंद शर्मा के अनुसार इसके लिए विदेश मंत्रालय ने भारतीय दूतावास के माध्यम से विभिन्न देशों को सांस्कृतिक, हस्तशिल्प भागीदारी के लिए निमंत्रण भेज दिए हैं। भागीदार राष्ट्र और थीम राज्यों के प्रामाणिक खाद्य स्टाल मेले के आकर्षण होंगे।
साथ ही, भागीदार राष्ट्र और दोनों थीम राज्यों को उनकी कला, हथकरघा और हस्तशिल्प की बिक्री हेतु विशिष्ट स्टाल लगाने के लिए विशेष क्षेत्र और स्टाल आवंटित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेले में भागीदार राष्ट्र और थीम राज्य 16 दिन चलने वाले मेले के उद्घाटन, समापन समारोह के साथ-साथ प्रतिदिन अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देंगे।
उन्होंने कहा कि पूरे भारत और भाग लेने वाले विदेशी कलाकारों द्वारा हथकरघा और हस्तशिल्प की बिक्री के लिए 1000 से अधिक स्टाल लगाए जाएंगे, जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सूरजकुंड मेले के दौरान भव्य सांस्कृतिक कार्निवल विशेष आकर्षण होगा, जिसमें प्रतिदिन विभिन्न देशों के कलाकार अपने नृत्य और संगीत का प्रदर्शन करेंगे।

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