जब स्टेडियमों पर खिलाड़ियों की जान जाने लगे तो खेल मंत्री को पद पर रहने का अधिकार नहीं- अनुराग ढांडा
आम आदमी पार्टी के अनुराग ढांडा ने रोहतक में खिलाड़ी की मौत पर हरियाणा सरकार की आलोचना की। उन्होंने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताया और कहा कि राज्य के स्टेडियम जर्जर हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया, जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री प्रमोशन में व्यस्त थे। ढांडा ने स्टेडियमों की खराब हालत और सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाए, और खिलाड़ियों के भविष्य को खतरे में बताया।

अनुराग ढांडा का हरियाणा सीएम पर पलटवार
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज अनुराग ढांडा ने शुक्रवार को रोहतक में बास्केटबॉल पोल गिरने से राष्ट्रीय स्तर के युवा खिलाड़ी की मौत के मामले में हरियाणा सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कोई सामान्य हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और बीजेपी सरकार की उपेक्षा का परिणाम है। हरियाणा भर में स्टेडियम जर्जर हैं, कहीं पोल टूटे हुए हैं तो कहीं स्टेडियमों में घास उगी हुई है। इतनी खस्ताहालत के बावजूद बीजेपी सरकार सोती रही और खिलाड़ियों ने अपनी जान गंवा दी। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रोहतक में पहुंचकर खिलाड़ी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, परिवार का दुख बांट रहे हैं। उसी समय हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इवेंट प्रमोशन में व्यस्त थे। खिलाड़ियों की मौत से पूरा राज्य दुख में है, पर सरकार की प्राथमिकता कहीं और है। यही हरियाणा का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है।
अनुराग ढांडा ने कहा कि हरियाणा में पिछले दिनों दो युवा खिलाड़ियों की मौत यह साबित करती है कि राज्य में खेल स्टेडियमों की हालत इतनी खराब हो चुकी है। मैदानों में जंग लगे पोल, उखड़े ट्रैक, टूटी छतें और पानी की व्यवस्था तक नहीं, स्टेडियमों की खस्ताहाल सरकार की प्राथमिकताओं का सच बयां करती हैं। यह पहले से ही स्पष्ट था कि कभी न कभी बड़ा हादसा होगा, किंतु प्रशासन आंखें मूंदे बैठा रहा, किसी ने जोखिम को गंभीरता से नहीं लिया। यदि व्यवस्था जागरूक होती, तो आज दोनों बच्चों की जान बच जाती।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के रोहतक दौरे पर सवाल उठाने पर हरियाणा सीएम नायब सिंह पर अनुराग ढांडा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, सीएम भगवंत मान रोहतक खिलाड़ियों की मौत पर दुखी परिवार से सांत्वना देने और न्याय की मांग को मजबूत करने पहुंचे थे। यह संवेदनशीलता का परिचय है। हरियाणा के मुख्यमंत्री तो वहां गए तक नहीं। एक ओर दर्द बांटने वाला पड़ोसी प्रदेश का मुख्यमंत्री था, दूसरी ओर प्रदेश सरकार मौन और अनुपस्थित।
उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा में खेल प्रतिभाओं को सुविधाएं नहीं, खतरे मिल रहे हैं। हादसे के पीछे सिर्फ ढांचा नहीं गिरा, विश्वास गिरा है, खिलाड़ियों का भविष्य गिरा है। आज जरूरत जवाबदेही की है और जवाबदेही सबसे पहले सत्ता की बनती है, जो खिलाड़ियों की जिंदगी के बदले चुप्पी ओढ़े बैठी है। और प्रमोशन में लगी हुई है।

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