नशे के नेटवर्क पर हरियाणा सरकार का प्रहार, 293 अंतरराज्यीय गिरफ्तारियां
हरियाणा सरकार ने नशाखोरी और तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। युवाओं को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को तस्करी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। जनवरी से जुलाई 2025 तक 2161 एफआईआर दर्ज की गईं और 3629 लोग गिरफ्तार हुए। नशा कारोबारियों की संपत्ति जब्त की गई और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने नशे की प्रवृत्ति और नशे के कारोबार में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की प्रतिबद्धता जताई है। बीते सात महीने में मजबूत अंतरराज्यीय समन्वय के चलते 293 अंतरराज्यीय गिरफ्तारियां हुई हैं, जो कि नशे का कारोबार कर रहे थे। इससे नशे की तस्करी के नेटवर्क पर कड़ा प्रहार हुआ है।
चंडीगढ़ में राज्य स्तरीय नार्को कार्डिनेशन (एनकार्ड) समिति की 11वीं बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सरकार के ’नशामुक्त हरियाणा’ विजन को कामयाब बनाने की बात कही। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे हरियाणा में नशा तस्करी और मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ अभियान को अधिक सशक्त बनाएं। इसके लिए कड़े फैसले भी लेने पड़ें तो सरकार की तरफ से छूट है।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने जानकारी दी कि जनवरी से जुलाई 2025 के बीच 2,161 एफआईआर हुई हैं, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 2,022 थी। इस दौरान 3,629 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया, जो वर्ष 2024 की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है।
गृह सचिव ने बैठक में बताया कि 293 अंतरराज्यीय गिरफ्तारियों से नशे की तस्करी के नेटवर्क पर कड़ा प्रहार हुआ है। नशा अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए उनकी जायदाद कुर्की की राशि वर्ष 2024 में 23.41 लाख रुपये से बढ़कर 2025 में 1.31 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। नजरबंदी के मामले आठ से बढ़कर 42 हो गए हैं।
डा. सुमिता मिश्रा ने बताया कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) द्वारा सात महीनों में 698 नशामुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। 2.8 लाख युवाओं को खेल एवं रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा गया है।
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