हरियाणा के 18 शहरों में विस्थापितों को आवासीय प्लॉट देगी सरकार, हाई कोर्ट के आदेश के बाद जगी उम्मीद
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हरियाणा सरकार 18 शहरों में उन लोगों को आवासीय प्लॉट देगी जिनकी जमीन सेक्टर विकास के लिए ली गई थी। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने 31 मई तक आवेदन मांगे हैं। यह योजना 10 सितंबर 1987 के बाद अधिग्रहित भूमि के लिए अंतिम अवसर है। विस्थापित 50 हजार रुपये की सुरक्षा राशि के साथ प्लॉट के लिए आवेदन कर सकते हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के दिशा निर्देशों के बाद राज्य के उन 18 शहरों के लोगों को आवासीय प्लॉट मिलने की उम्मीद जगी है, जिनकी जमीन इन शहरों में नये सेक्टर विकसित करने के लिए अधिगृहित की गई थी। प्रदेश सरकार ने जमीन अधिग्रहण के बाद सेक्टर काट दिए, लेकिन जमीन मालिकों को सरकार की नीति के मुताबिक इन सेक्टरों में आवासीय प्लॉट नहीं मिल पाए थे।
हाई कोर्ट में दायर विभिन्न याचिकाओं का निपटारा करते हुए हरियाणा सरकार को अपनी नीति के मुताबिक जमीन मालिकों को अधिग्रहण के बदले में आवासीय प्लॉट देने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने 31 मई तक आवेदन मांगे हैं। इस अवधि तक यदि कोई व्यक्ति आवेदन नहीं कर पाया तो उसे योजना के लाभ के लिए दोबारा मौका नहीं दिया जाएगा।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने गुरुग्राम-एक, गुरुग्राम-दो, पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, जगाधरी, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, रेवाड़ी, रोहतक, बहादुरगढ़, सिरसा, कैथल, भिवानी, हिसार व जींद में नये आवासीय सेक्टर विकसित करने के लिए किसानों की जमीन अधिगृहित की थी। 10 सितंबर 1987 के बाद सेक्टर विकसित करने की योजना के तहत इन शहरों में सेक्टर काटे गए थे। कुछ जमीन इसलिए अधिृगहित हुई थी, क्योंकि सेक्टरों में सुधार और उन्हें विकसित किया जाना था। जिन लोगों की जमीन अधिगृहित हुई थी और उन्हें प्लाट दिए जाने प्रस्तावित थे, सरकार ने उन्हें विस्थापित की श्रेणी में रखा था।
हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने कहा है कि इन सेक्टरों से जुड़े विस्थापित 50 हजार रुपये की सिक्योरिटी राशि के साथ प्लॉट के लिए आवेदन करें। इन विस्थापितों के दावों का निर्णय हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की 4 दिसंबर 2015, 11 अगस्त 2016 और 8 मई 2018 की नीति के अनुसार किया जाएगा। 10 सितंबर 1987 के बाद पारित अवार्ड के लिए यह आखिरी अवसर होगा, जिसके बाद शहरी संपदा की इस योजना का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
हरियाणा सरकार ने कहा है कि इन सेक्टरों में प्लॉट खाली होने की स्थिति में विस्थापित को तुरंत लाभान्वित करने का प्रयास होगा, लेकिन जिन सेक्टरों में प्लाट नहीं बचे हैं, उसके बारे में आवेदन आने के बाद सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा। फिलहाल सभी दावेदारों से 31 मई तक आवेदन करने को कहा गया है। उसके बाद किसी तरह की दावेदारी स्वीकार करने से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने मना कर दिया है।
  

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