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    Haryana Flood: दस लाख एकड़ फसलें डूबीं, करीब दो लाख किसानों ने मांगा मुआवजा

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 08:04 PM (IST)

    हरियाणा में भारी बारिश और जलभराव से लगभग दस लाख एकड़ फसलें डूब गई हैं। ई-क्षति पोर्टल पर एक लाख सत्तर हजार किसानों ने नुकसान की जानकारी दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और मुआवजा देने का आश्वासन दिया। पंजाब को भी राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। सरकार राहत और बचाव कार्य में जुटी है।

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    दस लाख एकड़ फसलें डूबी, लाखों किसानों ने मांगा मुआवजा। फोटो जागरण

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। लगातार बारिश और जलभराव से हरियाणा में करीब दस लाख एकड़ फसलें पानी में डूब गई हैं। ई-क्षति पोर्टल पर अभी तक 3,000 गांवों के एक लाख 70 हजार किसानों ने पंजीकरण करते हुए फसल में नुकसान की जानकारी दी है।

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    यमुना नदी जहां अब भी उफान पर है, वहीं टांगरी और घग्गर में जलस्तर घटा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी प्रभावित क्षेत्रों के दो दिन के दौरे पर निकल गए हैं। मुख्यमंत्री ने शनिवार को मीडिया से कहा कि प्रदेश सरकार स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए है।

    फसल में नुकसान के दावों का सत्यापन करने के बाद अगली कार्रवाई होगी। डबल इंजन की सरकार किसानों के हित को लेकर गंभीर है। पहले भी सरकार की तरफ से किसानों को मुआवजा दिया गया था। इस बार भी प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

    कहा कि पंजाब में आई बाढ़ से मिलकर निपटना होगा। हरियाणा पंजाब के साथ है। पंजाब के बाढ़ प्रभावित जिलों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

    हरियाणा में अभी तक मानसून में सामान्य से 48 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। फतेहाबाद, झज्जर, कुरुक्षेत्र और महेंद्रगढ़ जिलों में सामान्य से काफी अधिक वर्षा हुई है। पलवल, फरीदाबाद, फतेहाबाद, भिवानी, कुरुक्षेत्र और अंबाला जिलों में बारिश से प्रभावित ढाई हजार लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।

    हालांकि प्रदेश सरकार का मानना है कि अभी आपदा जैसी स्थिति नहीं है। मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ प्रदेश के हालात को लेकर समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। सेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों से लगातार संपर्क बना है।

    जहां भी हालात बेकाबू होते हैं, वहां सेना की मदद ली जा रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और स्थानी प्रशासन की टीमें बचाव एवं राहत कार्य में लगी हैं।

    राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्तायुक्त राजस्व और गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने बताया कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 15 सितंबर तक खुला रहेगा। किसानों को तुरंत मुआवजा मिले, इसके लिए प्रभावित जिलों के उपायुक्तों को तुरंत सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं।

    पलवल, यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल और फरीदाबाद में एसडीआरएफ तैनात की गई है, जबकि एनडीआरएफ की टीमें पलवल में अतिरिक्त विशेष मदद कर रही हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत उपायों के लिए हर जिले को करीब तीन करोड़ रुपये का रिजर्व फंड मंजूर किया गया है।

    इसका इस्तेमाल प्रभावितों के खाने और कपड़े, विस्थापित परिवारों के लिए अस्थायी आश्रय और तंबू, पशुओं के लिए चारा सहित अन्य आवश्यकताओं, राहत सामग्री के परिवहन और ग्रामीण क्षेत्रों में जल निकासी कार्यों के लिए किया जाएगा।

    फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर जिलों में मकान ढहने से मारे गए व्यक्तियों के शोक संतप्त परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 44 लाख रुपये (प्रत्येक को चार लाख रुपये) की अनुग्रह सहायता जारी की गई है। शहरी क्षेत्रों में जल निकासी कार्यों के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को आरक्षित निधि के रूप में 50 लाख रुपये जारी किए गए हैं।

    विधानसभा अध्यक्ष ने एक महीने का वेतन दिया

    हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने प्रदेश में आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजा है।

    उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर पर राहत व बचाव के सभी कदम उठा रही है, परंतु यह समय सरकार के साथ-साथ समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए भी जरूरतमंदों के साथ खड़े होने का है।

    उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व कर्मचारियों से अपील की है कि वे कम से कम एक दिन से लेकर एक माह तक का वेतन सहायता राशि के तौर पर दान करें ताकि बाढ़ पीड़ितों को अधिक से अधिक सहायता मिल सके।

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