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    हरियाणा: छह साल से बिजली विभाग में जॉब कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी! LDC को नौकरी से हटाने का आदेश वापस

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 03:57 PM (IST)

    हरियाणा बिजली विभाग में कार्यरत 28 लोअर डिवीजन क्लर्क (एलडीसी) की नौकरी पर आया संकट टल गया है। उच्च न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या के कारण नौकरी से निकाले जाने के आदेश दिए गए थे, जिससे कर्मचारियों में अनिश्चितता थी क्योंकि री-ज्वाइनिंग से उनके अनुभव और भत्ते खत्म हो जाते। कर्मचारियों द्वारा मंत्री और सचिव को लिखे गए पत्र के बाद, विभाग ने नौकरी से निकालने का आदेश वापस ले लिया है।

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    राज्य ब्यूरो,पंचकूला। हरियाणा के बिजली विभाग में करीब छह साल से कार्यरत 28 लोअर डिवीजन क्लर्क (एलडीसी) की नौकरी पर छाया संकट टल गया है। प्रदेश सरकार अब इन कर्मचारियों को न तो नौकरी से हटाएगी और न ही उन्हें री-ज्वाइनिंग देगी।

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    पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इन कर्मचारियों को इसी भर्ती के कुल 964 पदों में खाली पदों पर समायोजित करने को कहा है, लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों ने हाई कोर्ट के आदेश की स्वयं के आधार पर व्याख्या करते हुए उन्हें नौकरी से निकालने के आदेश दे दिए थे।

    इसके साथ ही इन कर्मचारियों से कहा गया था कि उन्हें नये सिरे से ज्वाइन कराया जाएगा। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अंतर्गत काम करने वाले इन कर्मचारियों में इस आदेश से अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी। री-ज्वाइनिंग की स्थिति में उनका काम करने का छह साल का अनुभव, भत्ते और सुविधाएं खत्म हो जाती।

    अपनी इस समस्या को लेकर इन बिजली कर्मचारियों ने बिजली मंत्री अनिल विज और सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को पत्र लिखा था, जिसके बाद दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से अपने पुराने आदेश वापस लेते हुए कहा गया है कि संबंधित कर्मचारी पहले की तरह अपने पूर्ववत पदों पर पूर्व के नियम और शर्तों के हिसाब से काम करते रहेंगे।

    बिजली विभाग में कार्यरत इन कर्मचारियों की नियुक्तियां विज्ञापन संख्या 03/2016 कैटेगरी नंबर तीन के अंतर्गत एलडीसी की पोस्ट के लिए हुई थी। आठ जून 2019 को फाइनल रिजल्ट आने के बाद से यह कर्मचारी बिजली विभाग में नौकरी कर रहे हैं।

    हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने छह जनवरी 2020 को इसी भर्ती का संशोधित रिजल्ट निकाला था, जिससे पहले रिजल्ट के आधार पर नौकरी पा चुके कुछ कर्मचारी बाहर हो गए। नौकरी से बाहर हुए कर्मचारियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुजाता रानी एवं अन्य के नाम से केस दायर किया, जिसके तहत हाई कोर्ट ने 13 जुलाई 2020 को स्टे आर्डर दे दिया था।

    हाई कोर्ट ने 29 मई 2024 को सुजाता रानी बनाम राज्य सरकार केस का फाइनल आर्डर जारी किया, जिसके अनुरूप प्रारंभिक रिजल्ट में चयनित हुए सभी अभ्यर्थियों को इसी भर्ती के कुल 964 पदों में खाली पदों पर समायोजित करने को कहा गया। बिजली विभाग और कर्मचारी चयन आयोग ने हाई कोर्ट के इस आर्डर पर जब कोई अमल नहीं किया तो नीतू रानी एवं अन्य के नाम से हाई कोर्ट में फिर गुहार लगाई गई।

    हाई कोर्ट में बिजली कर्मचारियों के जाने के बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने संशोधित लिस्ट निकाली, जिसमें कुछ अभ्यर्थियों का नाम आ गया और कुछ रह गए। हाई कोर्ट के फैसले के एक साल बाद बिना किसी नोटिस के सभी अभ्यर्थियों को छह साल की लंबी नौकरी करने के बाद निकालने के आदेश जारी कर दिए गए थे।