'चिंता न करें, आपके बच्चे हमारे हैं...', हरियाणा में स्कूलों की सुरक्षा पर और क्या बोले शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा?
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने राज्य के स्कूलों की हालत सुधारने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है। जर्जर स्कूलों के पुनर्निर्माण के लिए जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है और जल्द ही उच्चाधिकारियों के साथ बैठक होगी। स्कूलों की मरम्मत के लिए बजट भी दिया जाएगा। दैनिक जागरण के अभियान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल असुरक्षित नहीं रहेगा।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के स्कूल और उच्च शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा (Mahipal Dhanda interview) ने राज्य के स्कूलों की हालत में सुधार के साथ बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है।
उन्होंने प्रदेश के जर्जर हो चुके स्कूलों का पुनर्निर्माण कराने का दावा करते हुए कहा है कि सभी जिलों से रिपोर्ट तलब की जा चुकी है। अगले सप्ताह शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी।
इसके अलावा स्कूलों की मरम्मत और सुधार के लिए जरूरी बजट भी उपलब्ध कराया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने दैनिक जागरण द्वारा स्कूलों की हालत में सुधार के लिए चलाए जा रहे अभियान की सराहना की।
साथ ही कहा कि कोई स्कूल ऐसा नहीं रहने दिया जाएगा, जहां बच्चों और शिक्षकों का जीवन खतरे में महसूस हो सके। दैनिक जागरण के राज्य ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने स्कूलों की हालत में सुधार, शिक्षा की क्वालिटी और उच्च शिक्षा में नये प्रयोगों को लेकर हरियाणा के स्कूल व उच्च शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से विस्तृत बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश।
1. राज्य में भी कई स्कूलों के भवन जर्जर हालत में हैं। राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने से हुए हादसे के बाद हरियाणा सरकार ने स्कूलों की हालत में सुधार की क्या कार्ययोजा बनाई है?
मेरे सामने यह बात आई थी कि कुछ स्कूलों की हालत ठीक नहीं है। मैंने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और निदेशक को आदेश देकर पूरे राज्य से ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट मंगवाई है, जहां स्कूलों की हालत खराब है। कई जगहों से अभी रिपोर्ट आनी बाकी है।
पूरे प्रदेश की रिपोर्ट आने के बाद इसका अध्ययन करवाया जाएगा। जहां-जहां कमी होगी, उसे सुधारा जाएगा। जहां नये भवनों व नये कमरों के निर्माण की जरूरत होगी, उसे पूरा किया जाएगा।
2. जिलों में तैयार की गई रिपोर्ट पर कब तक काम होने की संभावना है। बच्चों के अभिभावकों को हर समय यह चिंता लगी रहती है कि उनके बच्चे स्कूल गए हैं, वे सुरक्षित हैं भी या नहीं?
मैंने स्वयं स्कूलों का दौरा करने की शुरुआत की है। मेरा उद्देश्य यही है कि बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों में भरोसा जगे। मैं ग्राउंड पर जाकर यह जानना चाह रहा हूं कि हमारे बच्चे कैसे पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी मूलभूत जरूरतें पूरी हैं कि नहीं।
अभी तक मुझे किसी स्कूल में अव्यवस्था नहीं दिखाई दी। फिर भी मैंने अधिकारियों से कहा है कि इस तरह की रिपोर्ट भी तैयार की जाए, जहां कमरों, भवन और चारदीवारी, खेल के मैदान, शौचालय अथवा पीने के पानी की व्यवस्थाओं की अलग से जरूरत है। सभी को दुरुस्त करेंगे।
3. प्रदेश के स्कूलों की स्थिति में सुधार को लेकर सरकार का क्या एक्शन प्लान है, स्कूलों में शिक्षकों की कमी बड़ी समस्या है, विधानसभा में विपक्ष इस मुद्दे को लगातार उठाता रहा है?
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विभागीय दौरे पर विदेश गए हुए थे। उनके आजकल में ही आने की संभावना है। अगले सप्ताह मीटिंग बुलाकर पूरा एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए भर्तियों की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। भर्तियां लगातार हो भी रही हैं। रही विपक्ष की बात तो उनके पास मुद्दा नहीं है।
4. स्कूलों की ग्राउंड रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए हैं कि चाहरदीवारी के अभाव में शिक्षा के मंदिरों में असामाजिक कार्य हो रहे हैं। शाम को इनमें पशु जमा हो जाते हैं। जल भराव से स्कूल कई-कई दिनों तक खुल नहीं पाते?
यह गलत सूचना है। मेरी जानकारी के मुताबिक अभी तक कोई स्कूल ऐसा नहीं है, जिसकी चाहरदीवारी नहीं है। मैंने अधिकारियों से कहा है कि आप ऐसे एस्टीमेट भी तैयार करो, जहां स्कूल में 20 कमरे हैं, अगर पांच खराब हैं तो उन्हें ठीक कराने के प्रस्ताव अलग से बनाओ
और साथ ही ऐसे प्रस्ताव अलग से तैयार करो, जिनमें नई जरूरत के लिए कमरे, लैब अथवा मैदान बनाए जाने हैं। जलभराव की समस्या से निजात पाने को अलग से प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं। पशुओं को स्कूलों में न घुसने दें।
5. पिछले दिनों आपने शिक्षा विभाग में समस्त काम हिंदीं में करने के आदेश पारित किए थे। आपके इस आदेश की पूरे देश में चर्चा हुई। किसी ने सकारात्मक लिया तो किसी ने नकारात्मक रूप से पेश किया। आप स्वयं कैसे देखते हैं?
मैं अपने फैसले पर खुश और संतुष्ट हूं। हिंदी हमारी मातृ भाषा है। समस्त काम हिंदी में होने चाहिए। इस दिशा में तेजी से विभाग आगे बढ़ा है।
पूरे देश के लोगों ने इसे सराहा है। खासकर हिंदी प्रेमी बहुत खुश हैं। ऐसे दस्तावेजों का क्या फायदा, जिन्हें अंग्रेजी में लिखा जाए और लोग समझ ही नहीं पाएं। मेरे फैसले से जनता खुश है। विपक्ष नाराज होता है तो होता रहे।
6. प्रदेश के विश्वविद्यालयों की हालत भी सुधार की अपेक्षा रखती है। कई विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जहां शिक्षक नहीं हैं, वीसी नहीं हैं, रजिस्ट्रार नहीं हैं। इन खामियों को दूर करने के लिए आपके पास क्या योजना है?
मैंने विश्वविद्यालयों के दौरे भी आरंभ किए हैं। गुरुग्राम और भिवानी दो विश्वविद्यालयों का दौरा मैं कर चुका हूं। एक विश्वविद्यालय में कम से कम चार से पांच घंटे रहता हूं। पूरी व्यवस्थाएं देखता हूं, समझता हूं, वहां की जरूरत के बारे में जानता हूं।
मैं आपको स्पष्ट कर दूं कि राज्य में कोई ऐसा विश्वविद्यालय नहीं बचा, जहां पर वीसी नहीं हैं। सभी जगहों पर वीसी व रजिस्ट्रारों की नियुक्तियां हो चुकी हैं।
विश्वविद्यालयों में कुलगुरु भारतीय संस्कृति का हिस्सा l
7. कुलगुरु से याद आया.. आपने पिछले दिनों एक घोषणा की थी कि विश्वविद्यालयों के वीसी को अब कुलगुरु कहा जाएगा। इसके पीछे सरकार की और आपकी क्या सोच रही और यह कहां तक फलीभूत हुई है?
भारतीय परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों के संवर्धन को ध्यान में रखते हुए वाइस चांसलरों (वीसी) को कुलगुरु का दर्जा देना जरूरी था। कुलगुरु नाम से जुड़ाव महसूस होता है। हम सभी विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षा संस्थानों में इंटर्नशिप को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाने जा रहे हैं।
विश्वविद्यालयों में नये रोजगार पाठ्यक्रम तैयार करने को विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं से कहा गया है। हमारी शिक्षा रोजगारपरक होगी तो विद्यार्थी रोजगार या नौकरियां पाने वाले नहीं, बल्कि देने वाले बनेंगे।
हरियाणा में 14 हजार 295 स्कूल, दो हजार में मरम्मत की जरूरत
हरियाणा में 14 हजार 295 राजकीय विद्यालय हैं। इनमें से करीब दो हजार स्कूल ऐसे हैं, जिनमें भवनों व कमरों के पुनर्निर्माण की जरूरत है। जलभराव स्कूलों की बड़ी समस्ता है। जलनिकासी के स्थाई इंतजामों की मांग शिक्षक और अभिभावक दोनों कर रहे हैं।
इन स्कूलों में शिक्षकों के एक लाख 15 हजार 325 पद स्वीकृत हैं। इन पदों पर 80 हजार 640 नियमित शिक्षक और 11 हजार 916 अतिथि अध्यापक कार्यरत हैं। इसके अलावा हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत अनुबंध पर लगे 7110 शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं।
इस तरह शिक्षकों के कुल 15 हजार 659 पद खाली हैं, जिनमें प्राथमिक शिक्षक (पीआरटी) के 2557, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (टीजीटी) के 4,583 और स्नातकोत्तर शिक्षक (पीजीटी) के 8,519 पद शामिल हैं।
राजस्थान में झालावाड़ के प्राइमरी स्कूल में क्या हुआ था?
राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना में पिपलोदी प्राइमरी स्कूल की छत अचानक गिर गई थी। यह हादसा सुबह करीब आठ बजे हुआ था, जब बच्चे क्लास में पढ़ रहे थे। इस हादसे में छह बच्चों की मौत हो गई थी और कई बच्चे घायल हो गए थे। हादसे के समय स्कूल में 70 बच्चे मौजूद थे। यह हादसा स्कूलों में पुरानी इमारतों और रखरखाव की कमी को लेकर फिर से सवाल उठाता है।
बवाली कांड में मारे गए थे 248 स्कूली बच्चे
23 दिसंबर 1995 को हरियाणा के डबवाली अग्निकांड को भला कोई कैसे भूल सकता है। हरियाणा के सिरसा जिले के डबवाली के डीएवी स्कूल का वार्षिकोत्सव था। डीएवी स्कूल में वार्षिक महोत्सव के दौरान आग लगने से 248 बच्चों की मौत हो गई थी और 150 महिलाओं समेत कुल 442 लोग जिंदा जल गए। 23 दिसंबर के उस काले दिन को हरियाणा के के लोग आज भी भुला नहीं पाते।
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