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    मरीजों के लिए बुरी खबर! अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जाएंगे हरियाणा के डॉक्टर, स्वास्थय मंत्री के साथ मीटिंग में नहीं बनी बात

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 12:42 PM (IST)

    हरियाणा में स्वास्थ्य मंत्री और डॉक्टरों के बीच हुई वार्ता विफल रही, जिसके चलते डॉक्टरों ने 8 और 9 दिसंबर को हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। डॉक्टर ए ...और पढ़ें

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    10 दिसंबर से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे राज्य के डॉक्टर (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के साथ बुधवार को हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएस) की वार्ता विफल रही।

    स्वास्थ्य सचिव सुधीर राजपाल की पहल पर हुई इस बैठक में मांगों पर कोई सहमति नहीं बनने पर एसोसिएशन ने पूर्व घोषित आठ व नौ दिसंबर को हड़ताल पर कायम रहने की घोषणा की है।

    फिर भी सरकार ने डाक्टरों की मांगों पर कोई फैसला नहीं लिया तो 10 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल चालू कर दी जाएगी।

    डॉक्टर सीनियर मेडिकल आफिसर (एसएमओ) की सीधी भर्ती करने के हरियाणा सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

    मेडिकल आफिसर (एमओ) के सीनियर मेडिकल आफिसर (एसएमओ) के पदों पर पदोन्नति नहीं होने से डाक्टर बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो रहे हैं।

    डॉक्टरों में इस बात को लेकर भी काफी आक्रोश है कि खाली पदों पर भर्तियां नहीं की जा रही तथा वादे के बाद भी संशोधित एसीपी का लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा।

    हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के राज्य प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा कि आठ व नौ दिसंबर को होने वाली हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाएं भी बंद रखी जाएंगी।

    इस दिन ओपीडी बंद रखने के साथ न तो कोई आपरेशन होगा और न ही पोस्टमार्टम किया जाएगा। लेबर रूम की सेवाएं भी बंद रहेंगी।

    डॉक्टर इससे पहले 27 नवंबर को पूरे राज्य में दो घंटे की कलमबंद हड़ताल कर चुके हैं। डॉक्टर हालांकि 25 नवंबर को हड़ताल करने वाले थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुरुक्षेत्र दौरे के मद्देनजर इस हड़ताल को दो दिन बाद 27 नवंबर को दिया गया।

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    उन्होंने कहा जब पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज डाक्टरों की मांगों को मान चुके हैं, लेकिन मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री आरती राव और स्वास्थ्य सचिव सुधीर राजपाल इन मांगों को लागू करने से मना कर रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों को डायरेक्ट एसएमओ (प्रशासनिक पद) के रूप में भर्ती करने की बजाय उन्हें विशेषज्ञों को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए वैकल्पिक रूप से विशेषज्ञ प्रोत्साहन/आयुष्मान प्रोत्साहन/वैकल्पिक एनपीए के साथ मुआवजा दिया जाना चाहिए।

    डॉक्टरों को केंद्र के समान चार एसीपी (4, 9,13 और 20 साल की सेवा पर) प्रदान की जानी चाहिए।