Haryana Doctors Strike: हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल, सरकारी अस्पतालों में सेवाएं ठप; आखिर क्या हैं मांगें?
हरियाणा में सरकार और डाक्टरों के बीच मांगों को लेकर विरोध जारी है। सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर वीरवार सुबह आठ बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Haryana Doctors Strike News) पर चले गए। इस दौरान ओपीडी के साथ ही आपातकालीन सेवाएं भी बंद हैं। न किसी मरीज की जांच की जा रही न कोई सर्जरी हो रही और न ही पोस्टमार्टम किए जा रहे।

पीटीआई, चंडीगढ़। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने डॉक्टरों की मांगें पूरी न होने के विरोध में गुरुवार को सरकारी अस्पतालों (Haryana Doctors Strike News) में स्वास्थ्य सेवाएं बंद रखने का आह्वान किया है। राज्य सरकार ने संगठन से हड़ताल के मरीजों पर पड़ने वाले असर पर विचार करने का आग्रह किया।
एचसीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया समेत चार डॉक्टरों ने पंचकूला में स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक के कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
डॉक्टरों की क्या हैं मांगे?
डॉक्टरों की मांगों में विशेषज्ञ कैडर का गठन, केंद्र सरकार के डॉक्टरों के साथ समानता सुनिश्चित करने वाली करियर प्रगति योजना, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) की सीधी भर्ती न करना और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए बांड राशि में कमी शामिल है।
ख्यालिया ने बुधवार को कहा, पिछले कई महीनों में हमें हमारी विभिन्न मांगों से संबंधित बार-बार आश्वासन दिए गए, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया है। इसलिए, हमने ओपीडी, आपातकालीन, पोस्टमार्टम सहित स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया है।
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उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को, हमें स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा आश्वासन दिया गया था कि 24 जुलाई से पहले दो मांगों- सुनिश्चित कैरियर प्रगति और बांड जारी करने से संबंधित अधिसूचना जारी की जाएगी, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
25 जुलाई तक का दिया था अल्टीमेटम
उन्होंने कहा, हमने एक महीने पहले सरकार से कहा था कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम 25 जुलाई से सभी सेवाएं बंद करने के लिए मजबूर होंगे।
गुरुवार को सरकार द्वारा वार्ता के लिए दिए गए निमंत्रण पर ख्यालिया ने कहा कि हम बैठक में भाग लेंगे, लेकिन अगर कोई नतीजा नहीं निकलता है, तो हमारी हड़ताल अनिश्चित काल तक जारी रहेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने किया आग्रह
हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली एचसीएमएस एसोसिएशन को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता ने डॉक्टरों से आम जनता पर उनकी हड़ताल के प्रभाव पर विचार करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, मैं समझता हूँ कि आपके सदस्यों द्वारा कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गई हैं, और मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि इन चिंताओं को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, हाल ही में, मैंने इन मामलों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों के साथ एक सार्थक बैठक की। उन्होंने कहा कि हम आपकी मांगों के महत्व को समझते हैं और सक्रिय रूप से एक ऐसे समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं जो सभी संबंधित पक्षों के लिए संतोषजनक होगा।
मंत्री ने कहा, मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि हमारे रोगियों और आम जनता पर हड़ताल के प्रभाव पर विचार करें। हमारी जिम्मेदारी है कि हम सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य सेवाएं निर्बाध रहें, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी जरूरत के समय हम पर निर्भर हैं।
'एक करोड़ के दो बॉन्ड जमा करने होते हैं'
एचसीएमएस एसोसिएशन के अनुसार, डॉक्टरों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 1 करोड़ रुपये के दो बांड जमा करने होते हैं, जो बहुत अधिक है और इसे काफी कम किया जाना चाहिए।
एसएमओ की सीधी भर्ती पर, एसोसिएशन ने कहा है कि यह 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद पद पर पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे सैकड़ों चिकित्सा अधिकारियों के विकास को अवरुद्ध करेगा।
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