'दिशा कमेटी में सांसदों के अधिकारों का हनन, केंद्र हस्तक्षेप...', कांग्रेस सांसद ने हरियाणा सरकार पर क्यों लगाया आरोप?
कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान को पत्र लिखकर हरियाणा सरकार पर दिशा कमेटी में सांसदों के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र के नियमों का उल्लंघन कर रही है और विपक्षी सांसदों के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है। सांसद ने बैठकों के आयोजन के तरीके पर भी सवाल उठाए।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने जिला विकास समन्वय एवं निगरानी कमेटी (दिशा) की बैठक में विपक्षी सांसदों की हकमारी का आरोप लगाया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान को पत्र लिखते हुए कांग्रेस सांसद ने दावा किया है कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के नियमों का उल्लंघन कर सांसदों का अधिकार क्षेत्र खत्म करना चाहती है। खासकर विपक्षी सांसदों के साथ दोहरा बर्ताव किया जा रहा है।
अंबाला के सांसद ने कहा कि दिशा की बैठक की अध्यक्षता राज्यमंत्री द्वारा करने का फैसला अलोकतांत्रिक और केंद्र सरकार के नियमों के खिलाफ है। बैठकों का आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी नियमों के मुताबिक हो।
उन्होंने दिशा बैठक का आयोजन जिला कष्ट निवारण समिति के चेयरमैन एवं राज्यमंत्री की अध्यक्षता में करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए स्पष्ट किया कि दिशा बैठक में केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और उनका एक्शन प्लान तैयार किया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद नवीन जिंदल अपने निर्धारित समयानुसार बैठकें आयोजित कर रहे हैं, जबकि उन्हें अंबाला में बैठक करने से रोका जा रहा है।
वरुण चौधरी ने कहा कि दिशा कमेटी का आयोजन सांसद का अधिकार क्षेत्र है। वह जिला उपायुक्त से तालमेल कर कमेटी की बैठक आयोजित करता है। परंतु प्रदेश सरकार ने उपायुक्त की बजाय सीधे अपने स्तर पर ही बैठकों के आयोजन करने का शेड्यूल जारी कर दिया है।
पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव की ओर से आदेश जारी किया गया है कि राज्यमंत्री की अध्यक्षता में जिला कष्ट निवारण समिति और दिशा समिति की बैठक एक साथ बुलाई जाएगी, जिसमें संबंधित मंत्री और संसद सदस्य भाग लेंगे। यह फैसला भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के नियमों की उल्लंघना है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के नियमों में स्पष्ट उल्लेख है कि दिशा कमेटी को बुलाना सांसद का अधिकार क्षेत्र है।
उन्होंने कहा कि उपायुक्त द्वारा समितियों के अध्यक्ष और संबंधित विधायकों को आमंत्रण भेजा जाता है। यह बैठक छह से आठ घंटे चलती है, जिसमें केंद्र सरकार की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन और नई योजनाओं की प्लानिंग तैयार होती है।
प्रदेश सरकार के आदेश से न केवल दिशा कमेटियां निक्रिष्य होंगी, बल्कि केंद्र सरकार के बुनियादी ढांचा और जनकल्याण का उद्देश्य को भी ठेस पहुंचेंगी। यदि नई व्यवस्था लागू हुई तो दिशा समितियां निष्क्रिय हो जाएंगी और जनता तक पहुंचने वाली योजनाओं पर गंभीर असर पड़ेगा।
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