'सर्विस के 25 साल हो गए कभी किसी पर गोली चलाई..', हरियाणा के नए DGP ओपी सिंह ने पुलिसकर्मियों की ली क्लास
हरियाणा के कार्यवाहक डीजीपी ओपी सिंह ने अचानक यमुनानगर, अंबाला और कुरुक्षेत्र की चौकियों का दौरा किया। उन्होंने पुलिस कर्मियों से बातचीत की और अपराध नियंत्रण पर जोर दिया। डीजीपी ने कहा कि पुलिस को अपराधियों से सख्ती से निपटना चाहिए और जनता के साथ संवाद बढ़ाना चाहिए। उन्होंने एसएचओ से विभिन्न मामलों पर सवाल पूछे और पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए।

हरियाणा डीजीपी ओपी सिंह की अचानक छापेमारी, अपराध नियंत्रण पर जोर
दीपक बहल, अंबाला। बुधवार रात्रि 10:20 बजे। कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया- अगले चार घंटे नाइट पेट्रोलिंग पर रहेंगे। रात 10:50 बजे उप्र सीमा पर यमुनानगर की कलानौर चौकी, अंबाला के साहा थाने और कुरुक्षेत्र में शाहाबाद चौकी पहुंचे। डीजीपी ने पुलिस कर्मियों से जानकारी ली और हालचाल जाना। साहा थाने में दैनिक जागरण से विशेष बातचीत की। कहा कि अब एसएचओ से लेकर एसपी, आइजी और वह स्वयं भी हथियार साथ रखेंगे।
कुख्यात से सामना हो तो उसको उसी की भाषा में जवाब दिया जाए। पुलिस को सूचना तंत्र और मजबूत करना होगा। हाईवे पर दौड़ रहे सैकड़ों वाहनों का पता होना चाहिए कि किस वाहन को रोकना है। घटना होने से पहले ही रोकने की तैयारी होनी चाहिए। अब हरियाणा पुलिस में मेट्रो सिस्टम नहीं चलेगा यानी ब्लू लाइन पर अपराधी चलें और येलो लाइन पर पुलिस।
यदि अपराधी एक ओर से आता है तो पुलिस दूसरी ओर से आए। विभाग में बदलाव किसी एक अधिकारी से नहीं हो सकता है। अब सभी से लेख मंगवाया जाएगा कि वे अपराध नियंत्रण पर क्या सोचते हैं? दिनचर्या क्या होनी चाहिए, क्या करना चाहिए? उनके साथ क्राइम ब्रांच के आइजी राकेश आर्य और एसपी अजीत सिंह शेखावत भी थे।
डीजीपी ने किये एसएचओ से ये सवाल
- डीजीपी: रात को किस तरह की चेकिंग करते हो बताओ जरा?
- एसएचओ: जब मार्च में आया था तो चोरियां होती थी नशा बिकता था। गल्ला चोरी हो गया, लोहा चोरी हो गया। अब ऐसे मामलों में कमी आई है।
- डीजीपी: कितनी रिकवरी कर ली है चोरियों के केस में?
- एसएचओ: एसपी साहब ने अभियान चलाया चेकिंग अभियान से फायदा हुआ है। 800 के करीब चालान किए हैं। चोरी के केसों में भी रिकवरी की है।
- डीजीपी: वाहन कितने रिकवर किए?
- एसएचओ: चोरी के कई वाहन बरामद हुए हैं जो बिना नंबर के चल रहे थे। बिना नंबर, ट्रिपल चलने वालों, फिल्म का चालान करते हैं। कई बार कार्रवाई के दौरान नाके पर जाम की स्थिति हो जाती है।
- डीजीपी: ज्यादा समय बंदोबस्त में खराब करते हैं या फिर तफ्तीश में। कितनी पोस्टिंग है थाने में ?
- एसएचओ: जाम लग जाए तो सभी पहुंच जाते हैं। डीजीपी: 112 के पहुंचने का फायदा कितना है, अपराध रुकता है या नहीं। आइओ की दिनचार्य क्या है ? एसएचओ: थाना चौकी में आने से पहले डायल 112 पर शिकायत करते हैं। अधिकतर शिकायतों में 112 का जिक्र होता है। जनता को फायदा मिल रहा है।
- डीजीपी: मुखबिरी कैसे आती है, गैंग्सटरों की मुखबिरी आती है या नहीं ?
- एसएचओ: मिलती है। डीजीपी: एसएचओ का प्लान क्या होता है ?
- एसएचओ: गैंग्सटर और उनके साथियों की पहचान करना।
- डीजीपी: किसी पांच गैंग्सटर के नाम बताओ ?
- एसएचओ: मेरे इलाके में कोई गैंग्सटर नहीं है।
- डीजीपी: इलाके का क्या मतलब होता है, गैंग्सटर के लिए लक्ष्मण रेखा तो नहीं हैं ?
- एसएचओ: नेटवर्क बढ़ाया जाएगा ताकि सूचनाएं आती रहें।
- डीजीपी: सीआइए इंस्पेक्टर से अंतिम बार कब बात हुई ?
- एसएचओ: चार-पांच दिन पहले बात हुई थी।
- डीजीपी: क्रिमिनल की इंटेलिजेंस कैसे आएगी? जब बात ही नहीं होगी तो, आपको लगता है कि बात होनी चाहिए ?
- एसएचओ: जी, होनी चाहिए।
- डीजीपी: 25 साल की नौकरी हो गई, कभी किसी पर गोली चलाई?
- एसएचओ: नहीं चलाई
पुलिस के काम जनता को पता होने चाहिए
कार्यवाहक डीजीपी ने कहा कि पुलिस का चेहरा जनता के सामने होना चाहिए। पुलिस क्या काम कर रही है। अपराध नियंत्रण के लिए कैसे काम किया जा रहा है? यदि एक वारदात हो जाती है तो अलग-अलग माध्यमों से जनता को पता चल जाता है, लेकिन इसके बाद पुलिस ने क्या कार्य किये, वह भी जनता के सामने आए। जनता को पता होना चाहिए कि एक वारदात को सुलझाने में पुलिस ने क्या काम किया। अधिकारी भी वर्दी में जनता के बीच रहें, ताकि उनकी पहचान बनी रहे।
'गैंगस्टरों की गतिविधियों का पता होना ही चाहिए'
कार्यवाहक डीजीपी ने कहा कि अपराधी या गैंग्सटर की गतिविधियां क्या हैं, पुलिस अधिकारियों को पता होना चाहिए। कोई अपराधी सजा काटकर या बेल पर बाहर आया तो उस पर नजर रखें। वह क्या कर रहा है, किससे मिल रहा है?
यदि हम नजर रखेंगे और जानकारी रहेगी तो अपराध होने से बहुत हद तक रोका जा सकता है। आसपास के थानों, सीआइए आदि से बातचीत करें। इससे इंटेलिजेंस बढ़ेगा और वारदात होने से पहले पुलिस अपना काम करके इसे रोकने में सफल हो सकती है।
जो पब्लिक डीलिंग नहीं जानते, उनको थानों-चौकियों से हटाएं
साहा थाने में एसएचओ सहित अन्य कर्मचारियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कामकाज का तरीका पूछा। कितने कर्मचारी हैं। बंदोबस्त में ज्यादा कर्मचारी हैं या फिर नाकों पर। क्राइम पर पुलिस क्या एक्शन ले रही है। जो पब्लिक डीलिंग नहीं जानते, उनको थाने चौकियों से हटाएं। अधिकारी व कर्मचारी समझें कि सरकारी कार्यालय लोगों के पैसों से बने हैं।
यह उनकी सहायता और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए है। उन्होंने कुरुक्षेत्र के शाहाबाद की चौकी में जब्त की गई मोटरसाइकिल को लेकर बातचीत की। कर्मचारी ने इस दौरान फोर्स की कमी के बारे में बताया, जिस पर डीजीपी ने कहा कि अतिरिक्त बल मुहैया करा दिया जाएगा।

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