हरियाणा में DAP खाद की भारी कमी, CM का 'उड़नदस्ता' कालाबाजारियों पर टूटा; होगी सख्त कार्रवाई
हरियाणा में डीएपी खाद की कालाबाजारी की शिकायतों के बाद सरकार सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता उन जिलों में छापेमारी करेगा जहाँ से अधिक शिकायतें आ रही हैं। किसान खाद विक्रेताओं द्वारा अधिक दाम लेने और खाद की कमी का बहाना बनाने की शिकायत कर रहे हैं। मुख्य सचिव ने कृषि विभाग को कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

स्टॉक से अधिक डीएपी रखने और डेढ़ गुना दाम पर देने की शिकायतों पर सरकार गंभीर (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा में डीएपी खाद की दूसरी खेप आने के बाद भी कई जिलों में किसानों को डीएपी देने में खाद विक्रेता परेशानी खड़ी कर रहे हैं। खाद की बोरी नहीं है, यह बहाना बनाकर किसानों को लौटाया जा रहा है अथवा डेढ़ गुने दाम में पचास किलो की बोरी दी जा रही है।
इस तरह की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच रही हैं, जिसके बाद मुख्यमंत्री उड़नदस्ते को निर्देश दिए गए हैं कि वह अलग-अलग टीमें बना कर उन जिलों में छापेमारी करें, जहां से खाद विक्रेताओं की अधिक शिकायत आ रही है।
एक दो दिन में उड़नदस्तों की ओर से छापेमारी शुरू कर दी जाएगी। कई खाद विक्रेताओं ने दुकानों के आगे बोर्ड में दर्शाए स्टाक में डीएपी उपलब्ध नहीं की सूचना लगा दी है। इस पर दिन में तय रकम से अधिक दाम लेने के बाद देर शाम या रात में गोदाम से निकाल बोरी ग्राहक को दे दी जाती है। फतेहाबाद, रेवाड़ी, गुरुग्राम तथा भिवानी और सोनीपत से किसानों की ओर से शिकायत की गई है।
सरसों की बुवाई होनी है और किसान डीएपी के लिए परेशान हैं। कृषि समितियों से भी दो बोरी ही डीएपी दी जा रही है, जबकि किसानों को अधिक उवर्रक की जरूरत है। हालांकि विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट की बोरी कम दाम में आसानी से सभी जगह उपलब्ध है, लेकिन अधिकतर किसान उसे लेना नहीं चाहते हैं।
प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने एक बार फिर से कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। वह अपने जिलों में मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के साथ ब्लैक में खाद बेच रहे खाद विक्रेताओं के विरुद्ध मौके पर जाकर कार्रवाई करें।

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