NCRB 2023 की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराध घटे; लेकिन अपहरण और ऑनर किलिंग के मामलों ने बढ़ाई चिंता
एनसीआरबी 2023 की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम हुए हैं लेकिन अपहरण के मामले बढ़े हैं। ऑनर किलिंग में राज्य दूसरे स्थान पर है। दुष्कर्म के 1772 मामले दर्ज किए गए। पुलिस महानिदेशक ने अपराध के आंकड़ों को पारदर्शिता का प्रतीक बताया और कहा कि हरियाणा मुकदमा दर्ज करने में चौथे स्थान पर है। गुमशुदा व्यक्तियों की 100% एफआईआर दर्ज होती हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अपहरण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। देशभर में अपहरण के मामलों में प्रदेश आठवें स्थान पर है। सम्मान के लिए हत्या (ऑनर किलिंग) में हरियाणा झारखंड के बाद दूसरे नंबर पर है। वर्ष 2023 में देश में ऑनर किलिंग के कुल 38 मामले सामने आए, जिनमें सबसे ज्यादा नौ झारखंड और छह हरियाणा के थे।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट-2023 के मुताबिक वर्ष 2021 में अपहरण के 3554, 2022 में 3891 और 2023 में 4149 मामले दर्ज हुए। 2021 में 1112, 2022 में 1020 और 2023 में 1042 हत्याएं हुई हैं।
देश में हत्या के मामले में हरियाणा 12वें स्थान पर है। प्रति लाख महिला जनसंख्या के आधार पर अपराध दर की बात करें तो हरियाणा 110.3 के साथ चौथे स्थान पर है। इस मामले में पहले स्थान पर तेलंगाना 124.9, दूसरे स्थान पर राजस्थान 114.8 और तीसरे स्थान पर ओडिशा 112.4 है।
राहत की बात यह कि प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध के मामले में तीन वर्षों में कमी दर्ज हुई है। 2022 में 16 हजार 658, 2022 में 16 हजार 743 और 2023 में 15 हजार 758 आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। इसमें राष्ट्रीय दर 66.2 प्रतिशत है। महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों में चार्जशीट के रिकार्ड में हरियाणा में दर 56 प्रतिशत रही है जो देश में राजस्थान (53.6 प्रतिशत) के बाद सबसे कम है।
वर्ष 2023 में हरियाणा में दुष्कर्म की कुल 1772 घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें 18 से 30 की उम्र की 1105 पीड़िताएं शामिल थीं। 30 से 45 साल की 606 महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई थी और 60 साल से ऊपर की छह महिलाओं का यौन शोषण किया गया।
वहीं, हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने दावा किया कि अपराध के आंकड़े पारदर्शिता का प्रतीक हैं, न कि अपराध की अधिकता के। वर्ष 2023 में प्रदेश में कुल दो लाख 24 हजार 216 एफआइआर दर्ज हुईं, जिससे हरियाणा मुकदमे दर्ज करने में पूरे देश में चौथे स्थान पर रहा।
यदि इन मुकदमों का गहराई से विश्लेषण किया जाए तो इनमें से लगभग 67 हजार मामले बिजली और पानी चोरी से संबंधित हैं तथा 15 हजार 529 मुकदमे गुमशुदा व्यक्तियों से जुड़े हैं। इस प्रकार 83 हजार 113 मामले केवल इन दो श्रेणियों से जुड़े हैं। इन्हें हटाने पर वास्तविक अपराध दर बहुत नीचे चली जाती है और हरियाणा राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 10 से भी नीचे स्थान पर आ जाता है।
हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है जहां गुमशुदा व्यक्तियों और बच्चों की शत-प्रतिशत एफआइआर दर्ज की जाती है। वर्ष 2023 में पूरे देश में ऐसे लगभग 32 हजार मामले दर्ज हुए, जिनमें से 15 हजार 529 मुकदमे हरियाणा से संबंधित हैं। आंकड़े यह भी दर्शाते हैं कि प्रदेश में 56 प्रतिशत मामलों में चार्जशीट दायर हुई है।
हरियाणा पुलिस प्रत्येक वर्ष एनडीपीएस एक्ट के तहत लगभग 5500 गिरफ्तारियां करती है, जिनमें करीब 1000 बड़े तस्कर शामिल होते हैं। चार हजार से अधिक गांव और वार्ड नशामुक्त घोषित हो चुके हैं और दिसंबर अंत तक 60 से 70 प्रतिशत गांवों को नशामुक्त घोषित करने का लक्ष्य है।
डीजीपी ने बताया कि महिला अपराध के मामलों में हरियाणा देश में 11वें स्थान पर है। वर्ष 2023 में दुष्कर्म के 1772 मुकदमे दर्ज हुए थे जो वर्ष 2024 में घटकर 1350 रह गए हैं और इस साल के अंत तक इनके 1100 तक आने का अनुमान है।
साइबर ठगी की बात करें तो दो वर्ष पहले जहां साइबर ठगी की राशि का केवल आठ से 10 प्रतिशत ही रोका जा सकता था, अब यह बढ़कर लगभग 45 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो देश में सर्वाधिक है। प्रतिदिन साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की संख्या दो साल पहले पांच थी, जो अब बढ़कर 23 हो गई है। अगस्त 2024 की तुलना में 2025 में साइबर ठगी की राशि में 43 प्रतिशत की कमी आई है।
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