हरियाणा में मंडी में धोखाधड़ी पर सरकार की सख्ती, पड़ोसी राज्यों से फसल बेचने वालों पर होगी FIR
हरियाणा सरकार ने मंडियों में धान और बाजरे की खरीद में धोखाधड़ी पर एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया है। पड़ोसी राज्यों से फसल लाकर बेचने वालों पर सख्ती की जाएगी। कनीना और कोसली में अनियमितताओं के मामले में निलंबित अधिकारियों पर भी एफआईआर होगी। किसानों को अब तक 10 हजार 205 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। गन्ने का रेट बढ़ने पर किसान खुश हैं।

पड़ोसी राज्यों से लाकर हरियाणा में बेची जा रही फसलों को लेकर सख्त हुई सरकार (फोटो: जागरण)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की अनाज मंडियों में धान और बाजरे की खरीद में धोखाधड़ी पर अब सीधे एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। पड़ोसी राज्यों से लाकर हरियाणा में बेची जा रही फसलों को लेकर सख्त हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि खरीद की आड़ में सरकार से धोखाधड़ी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक में धान-बाजरा खरीद से जुड़ी व्यवस्थाओं, मंडियों की स्थिति, किसानों की शिकायतों और ई-खरीद प्रणाली की समीक्षा की। बैठक में आनलाइन जुड़े सभी जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि सरकार किसानों के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी।
नई अनाज मंडी कनीना और अनाज मंडी कोसली में ई-खरीद पोर्टल और मार्केट कमेटी के एच-रजिस्टर की आक्शन में अंतर पाए जाने तथा गेट पास जारी करने की प्रक्रिया में अनियमितताएं मिलने के मामले में जिन कर्मचारियों और अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उन पर एफआइआर भी कराई जाए।
बैठक में बताया गया कि अब तक सरकारी खरीद संस्थाओं द्वारा दो लाख 66 हजार किसानों से लगभग 52.18 लाख टन की खरीद हो चुकी है। किसानों के खाते में 10 हजार 205 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए गए हैं। खरीद संस्थाओं द्वारा 291 टन तथा निजी व्यापारियों द्वारा चार लाख टन बाजरे की खरीद की गई है।
कुछ स्थानों से बाहरी राज्यों से धान की आमद और गेट पास स्कैनिंग में अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं, जिन पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र तथा कैथल में खरीद किए गए धान की मिलिंग के लिए जिन राइस मिलों को धान आबंटित किया गया है, उनकी फिजिकल वेरिफिकेशन की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों में तकनीकी स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि गेट पास स्कैनिंग और फिजिकल वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए। केवल मंडी के निर्धारित दायरे में ही गेट पास स्कैन किया जाएगा।
जिन मंडियों में गेट पास स्कैन सिस्टम का दुरुपयोग हुआ है, वहां संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों की पहचान कर कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई के साथ-साथ एफआइआर भी दर्ज की जाए। दूसरे राज्यों से आने वाले धान की अवैध एंट्री को रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में पुलिस नाकेबंदी करे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिला प्रशासन के अधिकारी खुद मंडियों का नियमित दौरा करें और किसानों से संवाद स्थापित करें। किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार पाए जाने पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस दौरान मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, डीजीपी ओपी सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. साकेत कुमार और खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक अंशज सिंह ने भी अपनी बात रखी।
हाल ही में गन्ने की अगेती किस्म का मूल्य 400 रुपये से बढ़ाकर 415 रुपये प्रति क्विंटल तथा पछेती किस्म का मूल्य 393 रुपये से बढ़ाकर 408 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इससे किसान खुश हैं। शनिवार को कैथल और करनाल जिलों के किसान मोर्चा के सदस्यों एवं महिला गन्ना उत्पादक किसानों ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर आभार जताया। इनमें राजबाला चहल, सुनील वत्स, दिनेश पुजार, विनोद गोन्दर, राजबीर चौहान, मनदीप विर्क, सुभाष हजवाना, संजय सैनी शामिल थे।

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