Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी पर नकेल कसने के लिए अनुशासन समिति गठित, भजनलाल के इस पुराने साथी को बनाया अध्यक्ष

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 08:33 PM (IST)

    हरियाणा कांग्रेस ने धर्मपाल मलिक की अध्यक्षता में अनुशासन समिति का गठन किया है। इस समिति का उद्देश्य पार्टी में गुटबाजी पर अंकुश लगाना है। समिति में हुड्डा, सैलजा और सुरजेवाला खेमों के समर्थकों को शामिल किया गया है। धर्मपाल मलिक कभी भजनलाल के करीबी थे, लेकिन अब हुड्डा के विश्वासपात्र हैं। समिति का गठन सार्वजनिक बयानबाजी को रोकने के लिए किया गया है।

    Hero Image

    एक समय भजनलाल के करीबी रहे धर्मपाल मलिक अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा के भरोसेमंद (फोटो: जागरण)

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष राव नरेंद्र और विपक्ष के नेता के पद पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की नियुक्ति के एक माह बाद ही पार्टी ने राज्य स्तरीय अनुशासन समिति का गठन कर दिया है।

    हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष, सांसद और विधायक रह चुके पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मपाल मलिक को कांग्रेस की अनुशासन समिति का चेयरमैन बनाया गया है। कांग्रेस में एक समय धर्मपाल मलिक पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भजनलाल और उनके पूर्व सांसद बेटे कुलदीप बिश्नोई के बेहद करीबी हुआ करते थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धर्मपाल मलिक की गिनती अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबियों में होती है। उन्हें सरकार और संगठन का काफी अनुभव हासिल है। अनुशासन समिति के जरिये कांग्रेस अब राज्य में पार्टी की गुटबाजी पर अंकुश लगाने का प्रयास करेगी।

    कांग्रेस की राज्य स्तरीय अनुशासन समिति में धर्मपाल मलिक के अलावा एक सचिव रोहित जैन और तीन सदस्य अकरम खान, कैलाशो सैनी व अनिल धंतौडी बनाए गए हैं। सदस्य सचिव रोहित जैन एडवोकेट कांग्रेस महासचिव एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा के बेहद करीबी हैं।

    अनुशासन समिति के सदस्यों में जगाधरी के विधायक अकरम खान की गिनती भी सैलजा समर्थकों में होती है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में बसपा विधायक के नाते समर्थन देने पर अकरम खान विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं।

    अनुशासन समिति की सदस्य पूर्व सांसद कैलाशो सैनी की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थकों में होती है, जबकि शाहबाद के पूर्व विधायक अनिल धंतौडी को कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला समर्थक माना जाता है।

    हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र की ओर से अनुशासन समिति के लिए नाम पार्टी प्रभारी बीके हरिप्रसाद के पास भेजे गए थे।

    लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से चर्चा के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राज्य स्तरीय अनुशासन समिति के नामों को स्वीकृति प्रदान कर दी है। विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र के दायित्व ग्रहण समारोह में पार्टी प्रभारी बीके हरिप्रसाद की मौजूदगी में धर्मपाल मलिक ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को होम्योपैथी की दवाई बताया था।

    धर्मपाल मलिक ने यह बयान पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के उस बयान के संदर्भ में दिया था, जिसमें कुलदीप शर्मा ने भूपेंद्र हुड्डा को एक्सपायरी डेट की दवाई बता दिया था। तब कुलदीप शर्मा के इस बयान को मलिक ने अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना था।

    धर्मपाल मलिक साल 1991 से 1996 तक हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। मलिक सोनीपत से 1984 और 1991 में दो बार सांसद और गोहाना से 2005 में एक बार विधायक रह चुके हैं।

    उन्होंने राजनीति में भजनलाल के परिवार का आखिर तक साथ दिया। बाद में धर्मपाल मलिक की गिनती भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबियों में होने लगी। अनुशासन समिति के सदस्य अकरम खान एक समय इनेलो अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के करीबी हुआ करते थे।

    हुड्डा के साथ भी उनकी नजदीकियां रहीं। अकरम खान तीसरी बार के विधायक हैं। वे 1996 में पहली बार छछरौली से निर्दलीय, 2009 में जगाधरी से बसपा के टिकट पर और साल 2024 में जगाधरी से ही कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने हैं। अकरम खान फिलहाल अपना नेता सैलजा को मानते हैं।

    कैलाशो सैनी कुरुक्षेत्र से दो बार इनेलो के टिकट पर 1998 और 1999 में सांसद रह चुकी हैं। अनिल धंतौडी साल 2009 में शाहबाद से एक बार विधायक रह चुके हैं। उनकी गिनती पहले हुड्डा समर्थकों में होती थी, मगर अब सुरजेवाला समर्थकों में होती है।

    कैलाशो सैनी और अनिल धंतौड़ी दोनों ही भाजपा में जाकर वापस कांग्रेस में आ चुके हैं। अनिल धंतौडी की कांग्रेस में वापसी सुरजेवाला और कैलाशो सैनी की वापसी भूपेंद्र हुड्डा ने कराई थी।

    अनुशासन समिति के सदस्य महासचिव रोहित जैन की खुले रूप से सैलजा समर्थकों में गिनती होती है। कुमारी सैलजा जब हरियाणा कांग्रेस की प्रधान थी, तब रोहित जैन के पास कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी थी।

    उनकी माता एडवोकेट किरण बाला जैन ने साल 2000 में अंबाला शहर से चुनाव लड़ा था और बहुत कम अंतर से पराजित हो गई थी। रोहित जैन और किरणबाला जैन दोनों ही पुराने कांग्रेसी हैं और कानून की प्रैक्टिस करते हैं।

    राज्य में कांग्रेस हुड्डा-सैलजा व सुरजेवाला खेमों में बंटी हुई है। ऐसे में इस अनुशासन समिति का गठन केवल संगठनात्मक नहीं बल्कि राजनीतिक संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।

    प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह का उद्देश्य है कि पार्टी मंच पर सार्वजनिक बयानबाजी और आपसी आरोप-प्रत्यारोप की संस्कृति पर लगाम लगे, जिस पर काम करने का लक्ष्य इस कमेटी का है।