राव नरेंद्र पर मंडराए संकट के बादल, ACB जांच ने बढ़ाई टेंशन; हरियाणा कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों को क्या निर्देष दिए?
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच फिर से शुरू होने से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। भाजपा और इनेलो के हमलों के बीच, कांग्रेस हाईकमान ने जिलाध्यक्षों को उनके बचाव में उतरने और जनता को तथ्यों से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह मामला राजनीतिक षडयंत्र है और इसमें कोई दम नहीं है।

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह के विरुद्ध वर्ष 2016 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने गुरुग्राम में दर्ज की थी FIR (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलते ही राव नरेंद्र सिंह की परेशानी बढ़ती जा रही है। सीएलयू (चेंज आफ लैंड यूज) मामले 12 साल (वर्ष 2016)पहले हुई एफआइआर को लेकर उनके विरुद्ध भाजपा तथा इनेलो के नेता हमलावर हैं। दूसरी ओर कांग्रेस हाईकमान ने भी प्रदेश अध्यक्ष के बचाव के लिए अपने सभी जिलाध्यक्षों को जनता के बीच जाकर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
कहा गया है कि लोगों के बीच जाकर पूरे तथ्य रखे और बताएं कि जिस मामले में हाईकोर्ट से स्टे मिल रखा है उसे लेकर अब बवाल करना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र भी मीडिया के सामने कई बार कहा है कि मामला तथ्य हीन है। उनके अध्यक्ष बनते ही उनके विरुद्ध इनेलो भाजपा की सह पर राजनीतिक षडयंत्र रचा जा रहा है।
एक कांग्रेसी नेता ने बताया कि जब अध्यक्ष के लिए राव का नाम रखा गया था तब लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मामले की जांच कांग्रेस की लीगल सेल से कराई थी, तो यह सामने आया था कि मामले में कोई दम नहीं है। जिसके चलते दस दिन विलंब से अध्यक्ष के नाम की घोषणा की गई थी।
राव नरेंद्र सिंह के विरुद्ध दर्ज मामले में पेश की गई चार्जशीट में जमीन की सीएलयू बदलने के नाम पर एक व्यक्ति से बातचीत करने के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि इसके बदले रुपयों का लेनदेन होने के कोई सबूत नहीं है। एसीबी ने बातचीत की सीडी को ही आधार बताया है।
इनेलो तथा भाजपा नेता इसी को आधार बना कांग्रेस से जवाब मांग रहे हैं कि जिसके ऊपर पहले से आरोप है उसे अध्यक्ष बना पार्टी ने क्या संदेश दिया है। दूसरी ओर कांग्रेस ने भी राव के पक्ष में जनता के बीच जाने को ठान लिया है।

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