CET एग्जाम के दौरान बस सेवाओं में बाधा की आशंका, जनहित याचिका पर हाई कोर्ट कल करेगा सुनवाई
हरियाणा में 26 और 27 जुलाई को होने वाली सीईटी परीक्षा के दौरान सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में दिक्कत को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने रोडवेज बसों के परीक्षा ड्यूटी में लगने से आम जनता को होने वाली परेशानी का मुद्दा उठाया है और सरकार से वैकल्पिक व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। सरकार ने याचिका को निराधार बताया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में 26 और 27 जुलाई को आयोजित होने वाले कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) की परीक्षा को लेकर राज्य में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के कारण आम लोगों को होने वाली दिक्कत की एक याचिका पर हाई कोर्ट वीरवार को सुनवाई करेगा।
बुधवार को समय की कमी के कारण याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई। हालांकि सरकार ने याचिका पर सवाल उठाते हुए इसे आधारहीन करार दिया।
ड्यूटी पर रहेंगी अधिकतम बसें
याचिका में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से हरियाणा रोडवेज की अधिकतम बसें परीक्षा ड्यूटी में तैनात हो जाएंगी, जिससे दैनिक यात्रियों, कार्यालय जाने वालों, मरीजों, बुजुर्गों और श्रमिक वर्ग को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि राज्य सरकार ने इस योजना की घोषणा तो कर दी, लेकिन आम जनता के लिए कोई वैकल्पिक या आकस्मिक परिवहन व्यवस्था नहीं की गई, जिससे उनके संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।
फ्री मिलेगी बस सर्विस
याचिका में यह भी बताया गया है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने जून 2025 में सीईटी परीक्षा का कार्यक्रम घोषित किया था, जिसके बाद जुलाई के आरंभ में राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों को रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा देने की घोषणा की।
इसके तहत परीक्षा के दोनों दिन अधिकतर बसों को अभ्यर्थियों की आवाजाही में लगाया जाएगा। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि राज्य सरकार सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को न्यूनतम आवश्यक स्तर पर बनाए रखने के लिए समुचित कदम उठाए तथा आम जनता के हितों की रक्षा के लिए एक समर्पित संचार एवं आकस्मिक तंत्र स्थापित करे।
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