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    नए बस अड्डों को पीपीपी मोड से बनाने पर विवाद, विज ने लौटाई फाइल; तय करने होंगे नियम एवं शर्तें

    Updated: Mon, 14 Jul 2025 04:15 PM (IST)

    हरियाणा में पीपीपी मोड पर बनने वाले बस अड्डों पर परिवहन मंत्री अनिल विज ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कंपनियों के लाभ पर जोर देने और सरकार के राजस्व की स्थिति स्पष्ट न होने पर फाइल लौटा दी है। विज ने अधिकारियों को अन्य राज्यों में पीपीपी मॉडल का अध्ययन करने और विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। सोनीपत गुरुग्राम और पिपली के बस अड्डों की हालत खस्ता है।

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    नए बस अड्डाें को पीपीपी मोड से बनाने पर विवाद (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कुरुक्षेत्र के पिपली, सोनीपत और गुरुग्राम में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर बनाए जाने वाले बस अड्डों पर पंच फंस गया है। खुद परिवहन मंत्री अनिल विज ने इस पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए फाइल लौटा दी है। उन्हें यह पॉलिसी इसलिए पसंद नहीं आई क्योंकि इसमें कंपनियों का तो लाभ नजर आ रहा है, लेकिन सरकार के राजस्व को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

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    विज ने विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। साथ ही कुछ सुझावों पर भी अमल करने के निर्देश दिए हैं। तीनों स्थानों पर पीपीपी मोड से आधुनिक सुविधाओं से लैस बस स्टैंड बनाने की कवायद पिछले कई वर्षों से चली आ रही है।

    हालांकि अभी तक ये बन नहीं पाए हैं। जब विज के पास भी इन बस अड्डों के निर्माण से जुड़ी फाइल आई तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए न केवल फाइल को वापस लौटा दिया, बल्कि विभागीय अधिकारियों को इसकी स्टडी करने के आदेश दे दिए हैं। पीपीपी मोड पर चल रही योजनाओं को लागू करने से पहले उन राज्यों में जाकर अध्ययन किया जाएगा, जहां यह पॉलिसी लागू की गई है।

    विज ने अधिकारियों को दूसरे राज्यों की स्टडी के साथ-साथ योजना को लेकर पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट करने और इसके बाद विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। जानकारी मांगी है कि पीपीपी मोड में बस अड्डे बनाने से सरकार को क्या फायदा होगा।

    इन बस अड्डों से यात्रियों को क्या फायदा होगा और क्या सुविधाएं मिलेंगी। सरकार को कितना राजस्व मिलेगा। कंपनी को मिलने वाले मुनाफे पर भी रिपोर्ट देने को कहा है। विज ने अपने पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि पीपीपी मोड की योजनाओं पर फिलहाल काम नहीं होगा। पहले स्टडी रिपोर्ट आएगी।

    इसके बाद ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा कि पीपीपी मोड को परिवहन विभाग में लागू करना है या नहीं। इस पॉलिसी को किस तरह पारदर्शी बनाया जा सकता है, इसको लेकर भी अधिकारियों को पूरी डिटेल रिपोर्ट देने को कहा है।

    सोनीपत, गुरुग्राम और पिपली के बस अड्डे खस्ताहाल

    सोनीपत, गुरुग्राम और पिपली के मौजूदा बस स्टैंड बरसों पुराने हैं और इनमें सुविधाएं नहीं हैं। पीपीपी मोड पर बनने वाले बस अड्डे जहां वातानुकूलित होंगे, वहीं उनमें यात्रियों के लिए भी आधुनिक सुविधाएं होंगी। वेटिंग लॉन्ज के अलावा शॉपिंग मॉल्स जैसी सुविधाएं भी इन बस अड्डों में मुहैया करवाई जाएंगी।

    पानीपत का प्रोजेक्ट हुआ फेल

    पानीपत के पुराने बस अड्डे को लेकर भी इसी तरह की योजना बनाई थी, लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ पाई। ऐसे में पानीपत का बस अड्डा शहर से बाहर सिवाह गांव में बनाया गया है। पहले पुराने बस स्टैंड को मल्टी-स्टोरी बनाने की योजना थी।

    इसे इस रूप में डिजाइन किया जाना था, जिससे पानीपत के फ्लाईओवर से सीधे ही बस स्टैंड तक बसों की एंट्री-एग्जिट की सुविधा दी जा सके। भीड़ वाला एरिया होने की वजह से इस प्लान को रद कर शहर से बाहर नया बस स्टैंड बनाया गया है।