हरियाणा में ‘थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन’ से मिलेगा ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट, नायब सरकार ने बिल्डिंग कोड में किए बड़े बदलाव
हरियाणा सरकार ने भवन निर्माण नियमों में पारदर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब हाई रिस्क भवनों के लिए ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट 'थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन' से मिलेगा। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आवासों के लिए बाथरूम और टॉयलेट के न्यूनतम आकार तय किए गए हैं। होटलों और उद्योगों को फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) बढ़ाने की अनुमति दी गई है। कपास की खरीद अब मोबाइल एप के माध्यम से होगी।

फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पंचकूला। हरियाणा सरकार ने राज्य में निर्माण कार्य और भवन नियमन को पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने हरियाणा बिल्डिंग कोड 2017 में कई महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्तावित किए हैं।
इन बदलावों को लेकर विभाग ने जनता से आपत्तियां व सुझाव आमंत्रित किए हैं, जो 28 नवंबर तक ईमेल के जरिए भेजे जा सकते हैं। सबसे अहम बदलाव आक्युपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) प्रक्रिया में किया गया है। अब हाई रिस्क कैटेगरी के भवनों के लिए आक्युपेशन सर्टिफिकेट ‘थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन’ के जरिये जारी होगा।
इस कार्य के लिए कम से कम पांच साल के अनुभव वाले एंपैनल्ड आर्किटेक्ट और स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स को अधिकृत किया गया है। वे भवन का निरीक्षण कर यह प्रमाणित करेंगे कि निर्माण स्वीकृत नक्शे, भवन संहिता और सुरक्षा मानकों के अनुरूप हुआ है। इसके बाद ही फार्म बीआरएस-7 के तहत आक्युपेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।
नये प्रविधानों में स्पष्ट किया गया है कि यदि आर्किटेक्ट, इंजीनियर या मालिक द्वारा कोई गलत रिपोर्ट दी जाती है या कोई तथ्य छिपाया जाता है, तो सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (के लिए बनाए जाने वाले आवासों में बाथरूम और वाटर-क्लोज़ेट (टायलेट) के न्यूनतम आकार भी कोड में तय किए गए हैं। स्वतंत्र वाटर-क्लोज़ेट 0.90 वर्गमीटर, स्वतंत्र बाथरूम का साइज 1.20 वर्गमीटर व संयुक्त बाथरूम-वाटर क्लोज़ेट का साइज 1.80 वर्गमीटर तय किया गया है।
होटलों को 25% तक अतिरिक्त
एफएआर बढ़ाने की अनुमति संशोधन में फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) बढ़ाने की सुविधा पर भी नई स्पष्टता दी गई है। औद्योगिक उपयोग में 125 प्रतिशत से आगे 150 प्रतिशत तक एफएआर बढ़ाने की अनुमति होगी। सामान्य उद्योग 200 प्रतिशत तक एफएआर खरीद सकेंगे। इसी तरह रिसोर्ट और फाइव स्टार होटलों को 25 प्रतिशत तक अतिरिक्त एफएआर की अनुमति मिलेगी। शैक्षणिक व संस्थागत भवनों को 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त एफएआर दिया जाएगा।
औद्योगिक प्लाटों के लिए नये सेटबैक मानक तय
औद्योगिक प्लाटों के लिए नए फ्रंट, रियर और साइड सेटबैक नियम तय किए गए हैं। 500 वर्गमीटर तक के प्लाट में फ्रंट और रियर में तीन मीटर सेटबैक अनिवार्य होगा। बड़े प्लाटों में यह अनुपात बढ़कर 6-6 मीटर तक होगा। लो-रिस्क कैटेगरी (जैसे रेजिडेंशियल प्लाटेड कॉलोनी और 30 मीटर तक ऊंचाई वाले औद्योगिक भवन) के लिए सेल्फ-सर्टिफिकेशन सिस्टम जारी रहेगा।

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