हरियाणा के शहरों में मकान बनाने से जुड़े नियमों में हुआ बदलाव, ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट लेना हुआ आसान
हरियाणा में अब भवन निर्माण आसान होगा क्योंकि सरकार ने बिल्डिंग कोड 2017 में बदलाव किए हैं। ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट आसानी से मिलेगा, और आर्थिक रूप से कमजो ...और पढ़ें

सीएम नायब सैनी बैठक करते हुए (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के शहरों में अब आमजन से लेकर दुकानदारों, व्यवसायियों और उद्यमियों को भवन निर्माण में ज्यादा अड़चनों का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने बिल्डिंग कोड-2017 में बड़ा बदलाव किया है। भवन निर्माण के बाद कब्जा प्रमाणपत्र (ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट) लेने के लिए न तो महीनों सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ेंगे और न ही निरीक्षण की लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा।
प्रदेश सरकार ने पहली बार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के मकानों के लिए स्पष्ट नियम तय किए हैं। अब इन घरों में अलग शौचालय 0.90 वर्गमीटर से छोटा नहीं होगा। स्नानघर कम से कम 1.20 वर्गमीटर का होगा। यदि दोनों एक साथ हैं तो वह 1.80 वर्गमीटर से छोटा नहीं बनाया जा सकेगा। भवनों के एफएआर यानी फ्लोर एरिया रेशो में भी बड़ा बदलाव किया गया है।
इसी से तय होता है कि किसी प्लॉट पर कितनी मंजिलें या कितना निर्माण किया जा सकता है। नियमों में संशोधन के बाद उद्योगों को 150 प्रतिशत से अधिक एफएआर खरीदने की सुविधा मिलेगी। डेटा सेंटरों के लिए एफएआर 500 प्रतिशत तक उपलब्ध होगा। व्यावसायिक और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर के लिए भी एफएआर की सीमा बढ़ाई गई है।
इससे उद्योगों, शापिंग मॉल, होटल और डेटा सेंटर जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निर्माण और निवेश की संभावना बढ़ेगी। कब्जा प्रमाणपत्र के लिए सरकार ने भवनों को दो श्रेणियों में बांटा है - कम जोखिम और उच्च जोखिम वाले भवन। कम जोखिम वाले घरों और दुकानों का कब्जा प्रमाणपत्र अब आर्किटेक्ट खुद जारी कर सकेगा, जबकि बड़े प्रोजेक्ट का प्रमाणन थर्ड पार्टी तकनीकी विशेषज्ञ देंगे।
ऊंचे और बड़े भवनों में फायर एनओसी अनिवार्य
ऊंचे और बड़े भवनों में फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) अनिवार्य होगा। सोलर पैनल इंस्टाल करने का प्रमाणपत्र लेना जरूरी होगा। ऊर्जा दक्षता मानक अपनाने होंगे। बदले नियमों से हास्पिटेलिटी सेक्टर को बड़ा फायदा होगा। निर्माण सीमित था और एफएआर कम मिलता था। नये नियम लागू होने से रिसार्ट, होटल और मोटल अधिक एफएआर खरीद सकेंगे।
गलत जानकारी छिपाई तो होगी कार्रवाई
अगर कोई भवन मालिक गलत रिपोर्ट जमा करता है, नियम तोड़कर निर्माण करता है या जानबूझकर जानकारी छिपाता है तो कब्जा प्रमाणपत्र को रद कर दिया जाएगा। संबंधित इंजीनियर या आर्किटेक्ट पर कार्रवाई की जाएगी।
पूरा सिस्टम ऑनलाइन होगा। कुछ भी-दबाकर नहीं रखा जा सकेगा। पहले कई लोगों की फाइलें महीनों दबाई जाती थीं। अब ऐसा संभव नहीं होगा क्योंकि हर बिल्डिंग आवेदन, स्वीकृति, कब्जा प्रमाणपत्र और निरीक्षण रिपोर्ट ऑनलाइन ई-रजिस्टर में सार्वजनिक रूप से दिखेगी।

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