Haryana Politics: हरियाणा में BJP जिलाध्यक्षों की जल्द होगी घोषणा, दिल्ली चुनाव के बाद हो सकता है एलान
हरियाणा भाजपा (Haryana BJP) में नए जिलाध्यक्षों की घोषणा में देरी हो सकती है क्योंकि कई नेता दिल्ली चुनाव में व्यस्त हैं। 5 फरवरी के बाद नामों की घोषणा की उम्मीद है। कांग्रेस भी 8 फरवरी को विधायक दल के नेता का चयन कर सकती है। बता दें कि इस बार हरियाणा में 22 नहीं 27 जिलाध्यक्षों के नामों का एलान होगा।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा (Haryana BJP) के नये जिलाध्यक्ष बनाने में अभी कुछ समय लग सकता है। पहले जिलाध्यक्षों की घोषणा दो फरवरी तक होने की संभावना थी, लेकिन हरियाणा के करीब दो दर्जन भाजपा नेताओं के दिल्ली चुनाव में व्यस्त होने की वजह से इन जिलाध्यक्षों के नामों की सूची जारी करने में देरी हो रही है।
उम्मीद की जा रही है कि पांच फरवरी के बाद हरियाणा के भाजपा जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की जाएगी। कांग्रेस आठ फरवरी को दिल्ली चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता का चयन कर सकती है। करीब सवा तीन माह से कांग्रेस अपनी पार्टी के विधायक दल के नेता का चयन नहीं कर पाई है।
जिलाध्यक्षों के नामों पर हो चुकी है चर्चा
हरियाणा भाजपा के प्रभारी डॉ. सतीश पुनिया, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और संगठन मंत्री फणीन्द्रनाथ शर्मा के बीच नये जिलाध्यक्षों के नामों पर चर्चा हो चुकी है। हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बडौली और संगठन मंत्री फणीन्द्रनाथ शर्मा भी राष्ट्रीय नेतृत्व से नये जिलाध्यक्षों के नामों को लेकर चर्चा कर चुके हैं।
22 नहीं 27 जिलाध्यक्षों की होगी घोषणा
अभी तक भाजपा की ओर से 22 जिलाध्यक्षों का गठन किया जाता था, लेकिन संगठनात्मक रूप से भाजपा ने पांच नये जिले और बनाए हैं, जिस कारण इस बार 27 जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। भाजपा की ओर से नये बनाए गए जिलों में हांसी, गोहाना, डबवाली, गुरुग्राम महानगर और बल्लभगढ़ शामिल हैं।
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5 फरवरी को दिल्ली में मतदान
दिल्ली में पांच फरवरी को मतदान होगा और आठ फरवरी को नतीजे आएंगे। हरियाणा के सभी प्रमुख भाजपा नेताओं ने इस समय दिल्ली के चुनाव पर पूरा फोकस किया हुआ है। कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी को विधानसभा सीटों के संयोजन की जिम्मेदारी भाजपा ने सौंप रखी है।
दिल्ली की जिन तीन दर्जन सीटों पर भाजपा को जिताने की जिम्मेदारी हरियाणा के नेताओं की है, उनकी ड्यूटी जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर लगाई गई है। भाजपा की ओर से इस बार 22 जिलाध्यक्षों में से 15 जिलाध्यक्ष हटाए जाने की संभावना है।
इसकी वजह यह है कि कई जिलाध्यक्ष अधिक उम्र के हो गये तो कुछ जिलाध्यक्ष दो बार इस पद पर रह चुके हैं और अब प्रदेश कमेटी में शामिल किए जाएंगे।
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