हरियाणा में बाजरा किसानों की बल्ले-बल्ले! 625 रुपये क्विंटल मिलेगा मुआवजा; पढ़े पूरा प्रोसेस
हरियाणा सरकार बाजरा किसानों को भावांतर भरपाई योजना के तहत मुआवजा देगी। मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को 625 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे भले ही वे सरकारी या निजी खरीदारों को बेचें। हैफेड और भंडारण निगम 2150 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदेंगे और निजी खरीदारों द्वारा अधिक कीमत देने पर भी किसानों को अतिरिक्त राशि मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में बाजरे की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार ने इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2775 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन सरकारी खरीद एजेंसियां किसानों को 2150 रुपये क्विंटल के हिसाब से भुगतान करेंगी।
किसानों के इस नुकसान की भरपाई प्रदेश सरकार करेगी। भावांतर भरपाई योजना के तहत सभी बाजरा किसानों के खातों में 625 रुपये प्रति क्विंटल डाले जाएंगे, बशर्ते की उन्होंने मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण कराया हुआ हो।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने बाजरे की खरीद को लेकर सभी उपायुक्तों और जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रकों को निर्देश जारी कर दिया है। विशेष बात यह कि किसान अगर मंडी में निजी खरीदारों को भी बाजरा बेचते हैं तो उनके खातों में भी 625 रुपये प्रति क्विंटल डाले जाएंगे। यदि किसान का बाजरा निजी व्यापारियों द्वारा 2150 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक कीमत पर खरीदा जाता है, तब भी सरकार 625 रुपये क्विंटल देगी।
उदाहरण के तौर पर हैफेड और हरियाणा राज्य भंडारण निगम (एचएसडब्ल्यूसी) द्वारा 2150 रुपये प्रति क्विंटल की खरीद पर किसान को कुल 2775 रुपये (2150 625) मिलेंगे। यदि कोई निजी व्यापारी 2175 रुपये प्रति क्विंटल खरीदे तो किसान को 2800 रुपये (2175 625) मिलेंगे। यदि निजी खरीद 2225 रुपये प्रति क्विंटल हुई है तो कुल 2850 रुपये (2225 625) प्राप्त होंगे।
हैफेड और एचएसडब्ल्यूसी के माध्यम से प्रदेशभर में 60:40 के अनुपात से बाजरे की सरकारी खरीद की जाएगी। ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से की गई प्राइवेट बिक्री पर ही भावांतर भरपाई योजना का लाभ मिलेगा। केवल उन्हीं किसानों को भावांतर भरपाई मिलेगी, जिनका पंजीकरण और सत्यापन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के पोर्टल पर हो चुका है।
पिछले साल सरकारी एजेंसियों ने सात लाख 42 हजार 30 क्विंटल बाजरा खरीदा था। इस बार एक लाख 15 हजार 287 किसानों की छह लाख 16 हजार 307 एकड़ भूमि का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा पर हो चुका है। पिछले दिनों लगातार बारिश और जलभराव के चलते इस बार लक्ष्य की तुलना में काफी कम खरीद हो पाएगी।
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