हरियाणा विधानसभा सत्र में तू-तू मैं-मैं... अनिल विज को हुड्डा बोले, 'आप कहें तो मैं अपने विधायकों को बाहर ले जाऊं'
हरियाणा में विधानसभा का आज विशेष सत्र रखा गया था। नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ के बाद सदन में कार्यवाही हुई। इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस में कटाक्ष देखने को मिला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कैबिनेट मंत्री अनिल विज में बहसबाजी भी देखने को मिली। तो वहीं रघुवीर सिंह कादियान को शिक्षा मंत्री महिपाल सिंह ढांडा ने अपना कंस मामा बताया।
सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में 15वीं विधानसभा का पहला दिन कई मायनों में खास रहा। पिछली विधानसभा में जहां हर बैठक में किसी न किसी बात पर हंगामा आम हो गया, वहीं नई विधानसभा के विशेष सत्र में शुक्रवार को अधिकतर विधायकों ने पूरी शालीनता से अपनी बात रखी।
हालांकि, किसी भी नेता में तीखी बहस नहीं हुई, लेकिन चुटकियों के जरिये एक-दूसरे पर कटाक्ष करने का मौका किसी ने नहीं छोड़ा। 14वीं विधानसभा की तरह इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कैबिनेट मंत्री अनिल विज व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रघुवीर सिंह कादियान और कैबिनेट मंत्री महिपाल सिंह ढांडा के बीच नोक-झोंक देखने को मिली। कादियान और ढांडा की नोक-झोंक में भाजपा विधायक रामकुमार गौतम भी तंज कसने से नहीं चूके।
हुड्डा और विज में तीखी बहस
भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अनिल विज में बहस शुरू तब हुई जब पूर्व मुख्यमंत्री ने CM नायब सिंह सैनी द्वारा सरकार कराए विकास कार्यों का जिक्र करने पर नाराजगी जताई।
हुड्डा- सरकार के विकास की बात अगले सत्र में करनी चाहिए।
विज- हुड्डा साहब आपके पास जो कुछ था, हरियाणा की जनता ने उस पर कांटा लगा दिया है।
हुड्डा- विज साहब मेरे पास भी कहने को बहुत कुछ है, लेकिन मैं पहले दिन विवाद नहीं चाहता। यह तरीका गलत है। अगर कहें तो मैं अपने विधायकों को सदन से बाहर ले जाता हूं।
विज- जनता बड़ी होती है और उस फैसले को स्वीकार करना चाहिए।
विज और हुड्डा फिर आमने-सामने हुए जब बिजली और परिवहन मंत्री ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वर्ष 2009 से 2014 तक का रिकॉर्ड अगर विधानसभा अध्यक्ष न देखें तो सही होगा।
यह ऐसी विधानसभा थी, जिसमें मुझे (विज) को सबसे अधिक बार सदन से बाहर निकाला गया। विधानसभा का रिकॉर्ड देखेंगे तो पता लगेगा कि यह अपने आप में इतिहास है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण से आग्रह किया कि वे इस अवधि के रिकार्ड को ब्लैक आउट कर दें। इसी दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रघुवीर सिंह कादियान तथा शिक्षा मंत्री महिपाल सिंह ढांडा में भी बहस हुई।
कादियान को ढांडा ने बताया 'कंस मामा'
कादियान और ढांडा रिश्ते में मामा-भांजा हैं। ढांडा ने कादियान को अपना मामा कहते हुए उनके साथ कंस शब्द जोड़ दिया। इसका कांग्रेसियों ने विरोध किया। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र सिंह कल्याण ने इसे आसानी से निपटा दिया। बाद में विवाद उस समय फिर से खड़ा हो गया जब सफीदों के विधायक रामकुमार गौतम ने मामा-भांजा के रिश्तों पर टिप्पणी करते हुए कह दिया कि कई बार भांजा भी नमक का हक नहीं जानता।
इससे पहले डा. रघुवीर सिंह कादियान ने कहा कि जब ढांडा मेरे पास शपथ लेने के लिए आया तो कहा था कि मामा नमस्ते। उन्होंने कहा कि इसकी मां और मेरी बहन कई बार कहती है कि जब यह छोटा था तो बड़ा उछलता था। मुर्गियों की तरह उछलता है।
स्पीकर से आग्रह करते हुए डॉ. कादियान ने कहा कि इसके लिए कोई दवा का प्रबंध किया जाए। साथ ही कहा कि यह मेरा भांजा है और इसका सारा कसूर माफ है।
ढांडा और विज को कंट्रोल कर लो, सही से चलेगा सदन: हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा अध्यक्ष को कामयाबी का मूल मंत्र देते हुए कहा कि दो आदमियों को कंट्रोल कर लो, पूरा सदन सही से चलेगा। एक महिपाल सिंह ढांडा और दूसरा अनिल विज। इसके बाद बात आई-गई हो गई। बाद में रेवाड़ी से भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने तंज कसा कि उस तरफ भी चार-पांच विधायक हैं, जिन्हें संभालना जरूरी है। तभी सदन अच्छे से चल सकेगा।
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