हरियाणा विधानसभा: खुद के बुने जाल में उलझकर रह गई कांग्रेस, इनेलो का भी नहीं मिला साथ; BJP की रणनीति रही हावी
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहा। कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव में उलझ गई, वहीं भाजपा के प्रस्ताव पर ठहर नहीं पाई। स्पीकर ने विपक्ष के ने ...और पढ़ें

हरियाणा विधानसभा: कांग्रेस अपने ही जाल में फंसी, इनेलो का भी साथ नहीं।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का तीन दिन चला शीतकालीन सत्र बेहद हंगामेदार और राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रहा। पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाकर कांग्रेस जहां अपने स्वयं के बुने जाल में उलझ गई, वहीं चुनाव सुधारों के बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए आए भाजपा के प्रस्ताव पर कांग्रेस कहीं ठहर नहीं पाई।
विधानसभा में इस बार कुछ नई परंपराएं भी पड़ी। पहली बार ऐसा हुआ, जब स्पीकर हरविन्द्र कल्याण और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष के नेता पद को उसकी गरिमा के अनुसार भरपूर सम्मान दिया। अलग-अलग मुद्दों पर अलग-अलग समय कांग्रेस को तीन से चार बार वाकआउट करना पड़ा।
करीब सवा साल के लंबे इंतजार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस बार के विधानसभा सत्र में विपक्ष के नेता की हैसियत से सदन में मौजूद रहे। स्पीकर ने विधिवत रूप से भूपेंद्र हुड्डा के विपक्ष का नेता बनने की सूचना सदन में दी। रही-सही कसर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूरी कर दी।
उन्होंने विपक्ष के नेता की शान में ऐसे कसीदे पढ़े कि कांग्रेस के विधायक भी हैरान रह गये। मुख्यमंत्री ने जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए उन्हें लोकतांत्रिक, विधायी और राजनीतिक मूल्यों का प्रतीक बताया तो समझ में आने लगा था कि यह भाजपा सरकार की रणनीति का हिस्सा है, जो सदन खत्म होने तक पूरी तरह सही साबित हुआ। स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने बड़े ही संयमित और व्यवस्थित ढंग से सदन की कार्यवाही का संचालन किया।
विपक्ष के पांच युवा कांग्रेस विधायकों की हरी जैकेट इस बार विधानसभा में खूब चर्चा में रही। इनेलो विधायकों की पगड़ी का रंग आरंभ से हरा चला आ रहा है। पहले तो इनेलो की पगड़ियों और कांग्रेस विधायकों की हरी जैकेटों को जोड़कर पेश किया गया, लेकिन बाद में परिवहन मंत्री अनिल विज ने सदन में जब यह कहा कि कहीं यह ग्रीन ब्रिगेड की शुरुआत करने का संकेत तो नहीं है तो विपक्ष को जवाब देना भारी हो गया।
कांग्रेस के 37 विधायकों को पूरे सत्र में इनेलो के दो विधायकों का किसी मुद्दे पर समर्थन हासिल नहीं हुआ, लेकिन यह दोनों विधायक विभिन्न मुद्दों पर भाजपा के विरुद्ध भी ताल ठोंकते नजर आए।
विधानसभा में कांग्रेस संख्या बल कम होने के बावजूद भाजपा के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई। लंबी चर्चा के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जब अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देने लगे तो उन्होंने समूचे विपक्ष को तंत्र का लोक और टनल शब्दों में उलझाकर रख दिया। कांग्रेस ने लोकतंत्र के स्थान पर तंत्र का लोक और संकीर्ण सोच के स्थान पर टनल सोच शब्दों का इस्तेमाल अपने अविश्वास प्रस्ताव में किया था।
करीब साढ़े पांच घंटे की चर्चा के बाद आखिरकार कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव पर बिना वोटिंग के बाहर निकलना पड़ गया। इस तरह भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वी दल कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव पर बिना वोटिंग के ही घेरने की रणनीति में कामयाब हो गई। विधानसभा में श्री गुरु गोबिंद सिंह की 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों पर पीएम नरेन्द्र मोदी के प्रति धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया।
सदन में 16 विधेयक पारित, नौ विधायक हुए नेम
शीतकालीन सत्र में वोट चोरी बड़ा मुद्दा रहा, जिसे कांग्रेस ने पूरे जोर-शोर से उठाया। सत्र के अंतिम दिन भाजपा चुनाव सुधारों के बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए एक प्रस्ताव लेकर आई, लेकिन कांग्रेस इस पर चर्चा के लिए तैयार नहीं हुई, नतीजतन भाजपा की सोच के अनुरूप कांग्रेस बहिष्कार कर सदन से चली गई।
तीन दिवसीय सत्र में कुल 23 घंटे तक विधानसभा में चर्चा हुई और 16 विधेयक पारित किये गये। वंदे मातरम् गीत के 150 साल पूरे होने पर लाए गए प्रस्ताव पर कांग्रेस ने जबरदस्त हंगामा किया, जिस कारण स्पीकर को नौ कांग्रेस विधायकों को नेम करना पड़ा। कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल की महिला मार्शलों के साथ हाथापाई हुई। स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने सदन में विधायी कार्यप्रणाली में सुधार की पूरी रिपोर्ट सदन में पेश की।
सीएम की मुस्कुराहट कर देगी विपक्ष का सफाया
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मुस्कुराहट विधानसभा में खूब चर्चा में रही। मुख्यमंत्री को यहां तक कहना पड़ा कि स्वामी रामदेव हंसने को स्वास्थ्य के लिए उत्तम औषधि बताते हैं और विपक्ष को मेरी मुस्कुराहट से भी परेशानी है। उद्योग मंत्री राव नरबीर ने सीएम की मुस्कुराट पर कहा कि यही मुस्कुराहट 2029 में पूरे विपक्ष को लेकर बैठ जाएगी।
कांग्रेस के विधायकों में पूजा चौधरी और गीता भुक्कल के साथ जस्सी पेटवाड, बलराम दांगी, आदित्य सुरजेवाला, इंदुराज नरवाल, विकास सहारण और देवेंद्र हंस ने जबरदस्त बैटिंग की, जबकि इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला व आदित्य देवीलाल भाजपा की बजाय कांग्रेस को अधिक घेरते नजर आए।
भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने तो पूरे समय मोर्चा संभाला ही, उनके अलावा समाज कल्याण मंत्री कृष्ण बेदी, शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल, शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा, परिवहन मंत्री अनिल विज और चुनाव मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा विपक्ष के लिए परेशानी खड़ी करते रहे।

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