SYL पर तीन बार थमा हरियाणा विधानसभा, इनेलो विधायक निलंबित
हरियाणा विधानसभा में एसवाइएल पर जमकर हंगामा हुआ। अभय चौटाला और रणदीप सुरजेवाला के बीच जमकर कहासुनी हुई। इसके बाद इनेलो ने हंगामा किया। इनेलो विधायकों सदन से निलंबित कर दिया गया।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में बृहस्पतिवार को एसवाइएल नहर पर जमकर तकरार हुई। हंगामा, शोरगुल और भारी नारेबाजी के बीच स्पीकर कंवरपाल गुर्जर को तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। कुल एक घंटा पांच मिनट तक सदन का कामकाज पूरी तरह से बाधित रहा। बजट सत्र में पहली बार सदन में आए कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन व विधायक रणदीप सुरजेवाला के एसवाइएल पर पंजाब में दिए गए बयानों पर इनेलो ने जबरदस्त हंगामा किया।
सुरजेवाला ने पंजाब में पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी करते हुए कहा था कि पंजाब अपने हिस्से की एक बूंद पानी किसी को नहीं देगा। इनेलो विधायक दल के नेता अभय चौटाला ने इस बयान पर घेरते हुए स्पीकर से सुरजेवाला को सदन से बाहर करने की मांग की।
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नाराज इनेलो विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन नहीं चलने दी, जिस कारण स्पीकर ने सदन में मौजूद सभी इनेलो विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया। इसके बावजूद इनेलो विधायक नारेबाजी करते रहे और अपनी सीटों पर बैठकर धरना देते रहे। मार्शलों की मदद से इनेलो विधायकों को सदन से बाहर किया गया।
अभय चौटाला ने संसदीय कार्य मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने सुरजेवाला का सदन में आने पर स्वागत किया था। हालांकि यह टिप्पणी व्यंग्यात्मक थी। चौटाला ने कहा कि सरकार पंजाब में हरियाणा के हितों की अनदेखी करने वालों का स्वागत कैसे कर सकती है। चौटाला इस बात पर अड़ गए कि सुरजेवाला को सदन से बाहर किया जाए।
सुरजेवाला ने पलटवार करते हुए कहा कि एसवाइएल के नाम पर प्रदेश की जनता के साथ धोखा तो इनेलो व चौटाला परिवार ने किया है। बादल और चौटाला पगड़ी बदल भाई हैं। हरियाणा किसी के हिस्से का नहीं बल्कि अपने हिस्से का पानी मांग रहा है।
20, 30 और 15 मिनट के लिए रुकी कार्यवाही
पहली बार स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने 20 मिनट के लिए और दूसरी बार डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने 30 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की। तीसरी बार स्पीकर ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित किया।
निलंबित इनेलो विधायकों को अकाली दल के एमएलए का समर्थन
हंगामा और नारेबाजी बंद नहीं हुई तो स्पीकर ने चौटाला सहित इनेलो विधायक जाकिर हुसैन, जसविंद्र संधू, परमिंद्र सिंह ढुल, अनूप धानक, केहर सिंह, ओमप्रकाश बरवा, मक्खनलाल सिंगला, पिरथी सिंह, राजदीप फौगाट, रामचंद्र कांबोज, रणबीर सिंह गंगवा और वेद नारंग सहित सदन में 14 इनेलो विधायकों को निलंबित कर बाहर कर दिया। अकाली दल विधायक बलकौर सिंह उनके समर्थन में सदन से बाहर आए।
हरियाणा विधानसभा में हंगामे का दृश्य।
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स्पीकर के बुलावे पर वापस नहीं आए इनेलो विधायक
संसदीय कार्यमंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने स्पीकर से इनेलो विधायकों को सदन में बुलाने का आग्रह किया। स्पीकर ने अपने सचिव को इनेलो विधायकों को सदन में बुलाने के लिए भेजा, लेकिन वे नहीं लौटे।
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यूं भिड़े सुरजेवाला व चौटाला
पंजाब कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में हरियाणा को एसवाइएल का एक बूंद पानी नहीं देने के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को इनेलो और कांग्रेस विधानसभा के अंदर और बाहर मुखर रही। अभय चौटाला ने रणदीप सुरजेवाला पर हरियाणा के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया। वहीं, रणदीप ने पलटवार करते हुए एसवाइएल और हांसी-बुटाना नहर का मसला लटकाने के लिए इनेलो को जिम्मेदार ठहराया।
विधानसभा की प्रेस गैलरी में पत्रकारों से रू-ब-रू अभय सिंह चौटाला व जसविंदर संधू ने कहा कि सुरजेवाला को हरियाणा के खिलाफ दिए गए बयान पर माफी मांगनी चाहिए। सरकार को लपेटते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश हित की बात करने वालों को सदन से बाहर कर दिया गया है जबकि हरियाणा से गद्दारी करने वालों का सदन में स्वागत किया जा रहा है।
प्रदेश के हितों से खिलवाड़ करने वाले सुरजेवाला को संरक्षण देकर सरकार ने कांग्रेस के समक्ष पूरी तरह सरेंडर कर दिया है। गोहत्या पर इनेलो के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा से बचने के लिए ही इनेलो विधायकों को नेम कर बाहर किया गया। कल कांग्रेस विधायक करण दलाल ने सरकार को कसाई कहा, लेकिन स्पीकर ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने कांग्रेस व भाजपा में मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्पीकर हमारी बात नहीं सुनते, जबकि सदन में अभद्र भाषा बोलने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
दूसरी तरफ, सुरजेवाला ने कहा कि इनेलो नेताओं के कारण ही एसवाइएल का काम अधर में लटक गया। इनेलो अगर राजीव-लौंगोवाल समझौते का विरोध नहीं करता तो आज दक्षिण हरियाणा की प्यासी धरती की प्यास बुझ गई होती। हांसी-बुटाना नहर में भी इनेलो ने अड़ंगा लगाया जिससे आज तक यह नहर सूखी है। उन्होंने दोहराया कि हमें पंजाब या राजस्थान और दिल्ली का पानी नहीं, बल्कि अपने हिस्से का पानी चाहिए। यही बात उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी का घोषणापत्र जारी करते समय कही थी।
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