हरियाणा में नकली दवाओं पर प्रहार, 12 कंपनियों का उत्पादन ठप; 2 के लाइसेंस सस्पेंड
हरियाणा में खतरनाक रसायन वाली दवा बनाने वाली 12 कंपनियों का उत्पादन बंद करने का आदेश दिया गया है और दो के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने प्रोपीलीन ग्लाइकोल जैसे घुलनशील पदार्थों के इस्तेमाल पर एडवाइजरी जारी की है। दवा कंपनियों की जांच जारी है, और मानकों का उल्लंघन करने वालों को नोटिस भेजे गए हैं। गुरुग्राम, हिसार और करनाल में तीन नई लैब बनाने का प्रस्ताव है।

दवाइयों की जांच के लिए गुरुग्राम, हिसार और करनाल में तीन प्रयोगशालाएं बनाने के लिए केंद्र सरकार को भेजा प्रस्ताव (फोटो: जागरण)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में दवाइयों में खतरनाक रसायन का प्रयोग करने वाली 12 फर्मों को उत्पादन बंद करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा दो फैक्टरियों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं।
एलोपैथिक दवा निर्माताओं को प्रोपीलीन ग्लाइकोल, ग्लाइकोल और ग्लिसरीन जैसे घुलनशील दृव्यों के इस्तेमाल को लेकर एडवाइजरी (सलाह) जारी की गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ सोमवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ी हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि दवा कंपनियों की लगातार जांच की जा रही है।
निर्धारित मानकों में कमी पाए जाने पर दवा निर्माताओं को नोटिस जारी किए गए हैं। सभी एलोपैथिक दवा निर्माताओं को रिस्की-साल्वेंट्स (खतरनाक घुलनशील दृव्य) की खरीद, स्टाक और उपयोग के संबंध में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
आरती राव ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा संबंधित साल्वेंट्स के सत्यापन के लिए पहले ही निरीक्षण शुरू कर दिए गए थे। अब तक 37 निरीक्षण किए गए हैं और 54 नमूने लेकर परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।
आरती ने बताया कि सेंट्रल ड्रगस स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन के साथ संयुक्त निरीक्षण शुरू किए गए हैं। अब तक 14 निरीक्षण किए गए हैं और 31 नमूने लेकर परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।
मंत्री ने बताया कि जिन फर्मों में विसंगतियां पाई गई हैं, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। 267 नमूने लेकर परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। आनलाइन नेशनल ड्रग्स लाइसेंसिंग सिस्टम पर विनिर्माण और बिक्री से संबंधित सभी लाइसेंस इसी पोर्टल के माध्यम से दिए जा रहे हैं। जेपी नड्डा ने इस पोर्टल पर हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे बेहतरीन कार्य के लिए पीठ भी थपथपाई।
आरती राव ने जेपी नड्डा को बताया कि दवा विनिर्माण इकाइयों के 33 जोखिम आधारित निरीक्षण किए गए हैं। सभी मामलों में पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। इसके अलावा दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं के 17 जोखिम आधारित निरीक्षण किए गए हैं। एक प्रयोगशाला का लाइसेंस रद कर दिया गया है।
सभी आवश्यक उपकरणों के साथ राज्य में एक नई दवा प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है जो चार महीने में चालू हो जाएगी। सेंट्रल ड्रगस स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है जिसमें गुरुग्राम, हिसार और करनाल में तीन लैब बनाने का प्रस्ताव है। इन सभी लैब पर लगभग 92 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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