हरियाणा: चुनावी खर्च का हिसाब न देने पर 11 गैर मान्यता प्राप्त दलों पर EC का शिकंजा, मंडरा रहा रजिस्ट्रेशन रद्द होने का खतरा
हरियाणा में चुनावी खर्च का हिसाब न देने वाले 11 गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर चुनाव आयोग ने शिकंजा कसा है। इन दलों को नोटिस जारी कर 13 अक्टूबर तक दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है। आयोग के संतुष्ट न होने पर दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है। हाल ही में आयोग ने 17 अन्य दलों का पंजीकरण भी रद्द किया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में चुनावी खर्च की जानकारी नहीं दे रहे 11 गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल संकट में हैं। चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर इन राजनीतिक दलों से 13 अक्टूबर तक दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है। 16 अक्टूबर को पार्टी प्रतिनिधि व्यक्तिगत रूप से चुनाव आयोग के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रख सकेंगे। आयोग के संतुष्ट नहीं होने पर इनका रजिस्ट्रेशन रद किया जा सकता है।
जिन गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें आदर्श जनता सेवा पार्टी करनाल, आपकी अपनी अधिकार पार्टी फरीदाबाद, आरक्षण विरोधी पार्टी फरीदाबाद, अंबेडकर समाज विकास पार्टी यमुनानगर, राष्ट्रीय जनशक्ति पार्टी (एकलव्य) पानीपत, राष्ट्रीय जातिगत आरक्षण विरोधी पार्टी सोनीपत, राष्ट्रीय लोकस्वराज पार्टी करनाल, राष्ट्रीय सहारा पार्टी गुड़गांव, रिपब्लिकन बैकवर्ड कांग्रेस चरखी दादरी, सर्व जन समाज पार्टी (नंद किशोर चावला) हिसार तथा टोला पार्टी पलवल शामिल हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ए श्रीनिवास ने बताया कि जनप्रतिनिधि अधिनियम 1961 की धारा 29 क के प्रविधानों के अनुसार निर्वाचन आयोग में पंजीकृत सभी राजनीतिक दलों को वार्षिक लेखापरीक्षित खाते और चुनावी व्यय रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है।
11 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, जिन्होंने दिसंबर 2018 तक पंजीकरण कराया था, ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2021-22, 2022-23 और 2023-24) के लेखापरीक्षित खाते निर्धारित तिथियों के भीतर प्रस्तुत नहीं किए हैं। चुनाव लड़ने के बावजूद व्यय रिपोर्ट समय पर दाखिल नहीं की है, जबकि चुनाव खर्च का ब्योरा विधानसभा चुनाव के मामले में 75 दिन और लोकसभा चुनावों के मामलों में 90 दिन के अंदर देना होता है।
चुनाव आयोग हाल ही में हरियाणा के गैर मान्यता प्राप्त 17 राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन रद कर चुका है, जिन्होंने पिछले छह साल से कोई चुनाव नहीं लड़ा। इनमें केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत और नायब सरकार में मंत्री आरती सिंह राव की हरियाणा इंसाफ कांग्रेस और पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की हरियाणा जन चेतना पार्टी (वी),
अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी (फतेहाबाद), बराबर समाज सांझी पार्टी (सिरसा), दो जमा पांच मुद्दे जन पार्टी (रोहतक), एकता शक्ति (करनाल), हरियाणा नवनिर्माण सेना (गुड़गांव), हरियाणा सर्वजन पार्टी (यमुनानगर), हिंदुस्तान क्रांति दल (नूंह), जन सेवा संघर्ष पार्टी (फतेहाबाद), महान दल (फरीदाबाद), राष्ट्र शक्ति (यमुनानगर), राष्ट्रवादी परिवर्तन पार्टी (एलबी) (भिवानी), राष्ट्रीय जनसेवा-सेकुलर पार्टी (फरीदाबाद), राष्ट्रीय किसान पार्टी (महेंद्रगढ़), राष्ट्रीय मोर्चा पार्टी (गुड़गांव) और समस्त भारतीय पार्टी (गुड़गांव) शामिल हैं।
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