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    पीएम मोदी में सबको दिख रहे हनुमान, पढ़ें हरियाणा की और भी रोचक खबरें

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Fri, 07 Aug 2020 12:06 PM (IST)

    ज्यादातर लोगों के वाट्स-एप पर श्रीराम मंदिर की डीपी है तो स्टेटस में श्रीराम को समर्पित फोटो-वीडियो। आइए कॉलम ऑफिसर ऑन ड्यूटी के जरिये नजर डालते हैं कुछ ऐसी ही चुटीली खबरों पर...

    पीएम मोदी में सबको दिख रहे हनुमान, पढ़ें हरियाणा की और भी रोचक खबरें

    चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। हरि का याणा हरियाणा। दीपावली अभी तीन महीने दूर है, लेकिन भादों में कार्तिक का नजारा है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के बाद हर ओर राम का जाप है। ज्यादातर लोगों के वाट्स-एप पर श्रीराम मंदिर की डीपी है तो स्टेटस में श्रीराम को समर्पित फोटो-वीडियो। फेसबुक प्रोफाइल पर भी अधिकतर के फोटो भगवा रंग में रंगे हैं। राम का नाम हो और हनुमान का जिक्र न हो, ऐसा हो नहीं सकता।

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    सोशल मीडिया पर रामलला के सामने साष्टांग प्रणाम करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो-वीडियो खूब वायरल हो रहे। इनमें मास्क पहनकर आशीर्वाद लेते पीएम का एक फोटो जमकर सराहा जा रहा जिसमें उनकी छवि हनुमान जी जैसी नजर आती है। ग्रुप में बकायदा फोटो शेयर कर पूछा जा रहा कि पहचानो कौन तो प्रत्युत्तर में हनुमान का नाम आता है। प्रधानमंत्री मोदी की अयोध्या में पूजन के अवसर की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

    नौकरी के नाम पर पसंद नहीं चाकरी

    ग्रुप डी के तीन हजार पदों पर नियुक्ति के लिए डेढ़ साल तक तरसते रहे चयनित युवा फिर दोराहे पर हैं। उच्च शिक्षित युवाओं को नौकरी के नाम पर अफसरों की चाकरी पसंद नहीं आ रही। पीएचडी, एमएससी, एमटेक, बीएड, बीटेक, बीएससी, बीए ऑनर्स, जेबीटी पास युवाओं में किसी को पुलिस में धोबी और कुक का काम दिया गया है तो किसी को विभिन्न महकमों में बेलदार, माली, नाई और चपरासी की ड्यूटी लगाई जा रही है। यह स्थिति तब है जब इन्होंने आवेदन के दौरान इन पदों का विकल्प ही नहीं भरा था। शैक्षिक योग्यता के अनुसार ग्रुप-डी के किसी अन्य पदों पर नियुक्ति के लिए युवा अब सरकार से फरियाद लगा रहे। उन्हेंं भरोसा है कि जैसे पूर्व में करीब साढ़े तीन हजार कर्मचारियों के अनुरोध पर महकमे और पदनाम बदले गए थे, देर-सबेर उनकी भी सुनी जाएगी। चयनित युवाओं ने इसके लिए बकायदा मुहिम भी छेड़ी है।

    यह दाग नहीं अच्छे

    सूबे में आइजी रैंक के एक आइपीएस अफसर का विवादों से पुराना नाता है। हाल ही में पड़ोसन के साथ अभद्र व्यवहार के आरोपों के कारण पुलिस केस का सामना कर रहे जनाब ने उस घटना से कोई सबक नहीं लिया है। दो-तीन रोज पहले धर्मनगरी कुरुक्षेत्र पहुंचे साहब ने खूब रौब गालिब किया। यहां तक तो ठीक था, लेकिन जनाब शराब के नशे में धुत्त होकर ब्रह्म सरोवर में घुस गए और सामने जो भी पड़ा, उसे जी भरकर अपशब्द कहे। मामला स्थानीय पुलिस के पास पहुंचा, लेकिन मुलाजिमों ने उनका ऊंचा कद देख मामले को रफा-दफा कराने में ही भलाई समझी। लोकसभा चुनाव के दौरान तमिलनाडु में रात को सुरक्षा गार्ड के हथियार से फायरिंग के चलते निलंबन का सामना कर चुके इन जनाब के कई किस्से साथी अफसरों में खूब चटखारे लेकर सुनाए जाते हैं। बहरहाल,जनाब को समझना चाहिए कि वर्दी पर दाग अच्छे नहीं होते।

    एसीआर खराब, फिर भी राष्ट्रपति पदक का ख्वाब

    स्वतंत्रता दिवस आने वाला है। अभी से कई पुलिस अफसरों और मुलाजिमों ने सोते-जागते राष्ट्रपति पुलिस पदक के सपने लेने शुरू कर दिए हैं। सीने पर तमगे का न सिर्फ ख्वाब देख रहे, बल्कि सम्मानित होने के लिए जुगाड़-तुगाड़ में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इन्हीं में शामिल हैं डीएसपी रैंक के एक अफसर, जिनकी पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) में रहते तूती बोलती थी। जनाब ने कई एनकाउंटर किए जिनमें कुछ असली थे तो कुछ फर्जी। यह मामले कोर्ट तक भी पहुंचे। समय बदला तो खुड्डेलाइन समझे जाने वाले होमगार्ड में आ गए, लेकिन पदक की चाहत कम नहीं हुई। बार-बार के दबाव से परेशान अधिकारियों ने जब जनाब की फाइल मंगाई तो एसीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) देखकर दंग रह गए। इसमें कई प्रतिकूल टिप्पणियां हैं जिससे उनके नाम की सिफारिश नहीं की जा सकती। ऐसे में उनका नाम सिरे से खारिज हो गया।