हरियाणा: ग्रुप डी के कर्मचारियों को बड़ी राहत, जल्द मिलेगा बकाया वेतन; नियुक्ति के बाद कार्यभार नहीं संभालने से जुड़ा मामला
हरियाणा सरकार ने ग्रुप डी के कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है जिन्हें पद खाली न होने के कारण कार्यभार संभालने में देरी हुई थी। अब इन कर्मचारियों को बकाया वेतन जल्द मिलेगा। मानव संसाधन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है जिसके अनुसार राहत और ज्वाइनिंग के बीच की अवधि को सेवा अवधि माना जाएगा और वेतन संबंधित विभाग देगा।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में विज्ञापन संख्या 01/2023 के तहत चयनित और 24 दिसंबर 2024 को पदस्थापित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सरकार ने बड़ी राहत दी है, जो नियुक्ति के बावजूद पद रिक्त नहीं होने के कारण लंबे समय तक कार्यभार नहीं संभाल सके थे। ग्रुप-डी कामन काडर के इन सभी कर्मचारियों को जल्द ही बकाया वेतन दिया जाएगा।
मानव संसाधन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इससे सभी कर्मचारियों को ज्वाइनिंग में देरी के कारण अटकी हुई वेतन की राशि मिल सकेगी।
मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) पर स्वीकृत पदों की कमी, पदनाम में भिन्नता और तकनीकी दिक्कतों की वजह से यह परेशानी सामने आई। इन कर्मचारियों को उनके मूल डिविजनल कमिश्नर कार्यालय से राहत तो मिल गई, लेकिन नए विभाग में समायोजन और वास्तविक कार्यभार संभालने में समय लग गया।
नौ अप्रैल को प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी कर इन कर्मचारियों को उसी जिले में उपलब्ध रिक्त पदों पर समायोजित करने या नए पदस्थापन आदेश जारी करने का निर्णय लिया। इस दौरान राहत और ज्वाइनिंग के बीच का समय वेतन के लिए ‘गैप पीरियड’ बन गया, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
अब मानव संसाधन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि राहत और समायोजन के बीच की अवधि को भी सेवा अवधि माना जाएगा और उसका वेतन संबंधित प्राप्त करने वाला विभाग देगा। इतना ही नहीं, ज्वाइनिंग की तिथि को डिविजनल कमिश्नर कार्यालय से राहत की तिथि के समान माना जाएगा, जिससे कर्मचारियों की वरिष्ठता और सेवा रिकार्ड पर भी कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
यह निर्णय हजारों ग्रुप-डी कर्मचारियों के लिए आर्थिक संबल और मनोबल बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि यह आदेश न केवल उनके वेतन को सुरक्षित करेगा, बल्कि भविष्य में प्रमोशन और अन्य सेवा लाभों पर भी सकारात्मक असर डालेगा।
मानव संसाधन विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को कहा है कि वे इन आदेशों का तत्काल और सख्ती से पालन करें। इसे ‘अत्यंत आवश्यक’ श्रेणी में रखने के निर्देश भी दिए हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।