Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंचकूला में 'हमारे राम' का भव्य मंचन, आशुतोष राणा के रावण रूप ने दर्शकों का मन मोहा

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 09:51 PM (IST)

    पंचकूला के इंद्रधनुष सभागार में हमारे राम महानाट्य का भव्य मंचन हुआ जिसमें आशुतोष राणा ने रावण की भूमिका निभाई। यह नाटक रामायण के अनकहे पहलुओं को दर्शाता है जिसमें राम सीता और हनुमान जैसे पात्रों के त्याग और संघर्ष को दर्शाया गया है। शंकर महादेवन और कैलाश खेर के गीतों आधुनिक तकनीक और वीएफएक्स ने प्रस्तुति को और भी शानदार बना दिया।

    Hero Image
    रावण के रूप में आशुतोष राणा। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। पंचकूला स्थित इंद्रधनुष सभागार में भारत की अग्रणी थिएटर संस्था फेलिसिटी थिएटर द्वारा प्रस्तुत महानाट्य "हमारे राम" का भव्य मंचन हुआ।

    यह आयोजन दर्शकों के लिए न केवल एक सांस्कृतिक अनुभव था, बल्कि रामायण के अनकहे अध्यायों की गहराई में उतरने का एक भावनात्मक और आध्यात्मिक अवसर भी बन गया।

    नाटक में प्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा ने रावण की भूमिका निभाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके संवाद, मंच उपस्थिति और भाव-प्रदर्शन ने रावण को एक संवेदनशील और बहुआयामी पात्र के रूप में सामने रखा।

    भगवान राम की भूमिका में राहुल आर. भुचर, हनुमान के रूप में दानिश अख्तर, भगवान शिव के रूप में तरुण खन्ना, माता सीता की भूमिका में हरलीन कौर रेखी, और सूर्यदेव के रूप में करण शर्मा ने उत्कृष्ट अभिनय किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह नाट्य प्रस्तुति रामायण की उस कथा पर आधारित थी , जो लव और कुश द्वारा पूछे गए प्रश्नों से शुरू होती है, और जो भगवान राम व माता सीता की यात्रा, त्याग, प्रेम और संघर्ष को एक नवीन दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है।

    कार्यक्रम की विशेषताएं थीं

    • शंकर महादेवन, कैलाश खेर, और सोनू निगम की आवाज में गाए गए मूल गीत
    • अत्याधुनिक प्रकाश व्यवस्था, वीएफएक्स, और एलईडी बैकड्रॉप
    • भावुक कर देने वाले संवाद, जीवंत कोरियोग्राफी, और प्रभावशाली वेशभूषा

    फेलिसिटी थिएटर के निर्माता राहुल भुचर ने कहा कि हमारे राम सिर्फ एक मंचन नहीं, बल्कि संस्कृति और श्रद्धा की अभिव्यक्ति है। इस प्रस्तुति का उद्देश्य रामायण को आज की पीढ़ी के साथ फिर से जोड़ना है।

    निर्देशक गौरव भारद्वाज ने दर्शकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह प्रस्तुति आगे भी कई शहरों में दर्शकों के समक्ष लाई जाएगी। सभा में मौजूद दर्शकों ने खड़े होकर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ कलाकारों का अभिवादन किया, और नाटक की सांस्कृतिक गहराई तथा दृश्य सौंदर्य की भूरी-भूरी प्रशंसा की।