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    'गन्ना किसानों को न्यूनतम 500 रुपये प्रति क्विंटल दे सरकार', हुड्डा का दावा- BJP सरकार ने की केवल 3% की बढ़ोतरी

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 09:44 PM (IST)

    हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गन्ने का रेट कम से कम ₹500 प्रति क्विंटल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गन्ना उत्पादन की लागत तेजी से बढ़ी है, लेकिन किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। हुड्डा ने पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में गन्ना किसानों के लिए किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया और वर्तमान सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया।

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    'गन्ना किसानों को न्यूनतम 500 रुपये प्रति क्विंटल दे सरकार- हुड्डा

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मांग की है कि गन्ने का रेट कम से कम 500 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए। साथ ही चीनी मिलों द्वारा किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।हुड्डा ने कहा कि गन्ना उत्पादन में श्रमिक, बीज, खाद, बुआई, कटाई जैसी लागतें तेजी से बढ़ी हैं।

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    इसके अलावा पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि ने परिवहन खर्च को ढाई गुना तक कर दिया है। गन्ने की उत्पादन लागत में पिछले दशक में 200-250 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। हाल ही में की गई 15 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी अन्याय है, जिससे किसान आर्थिक संकट में डूब सकते हैं।

    उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी 24 फसलों पर एमएसपी देने का दावा करती है, जबकि सच्चाई यह है कि यहां 24 फसलें होती ही नहीं हैं। जो फसलें होती हैं, उनके किसान भी एमएसपी के लिए तरस रहे हैं।

    धान, बाजरा, कपास और मूंग जैसी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी कम कीमत पर बिकी हैं।हुड्डा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में गन्ना किसानों को भुगतान में देरी के कारण अरबों रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2005 से 2014 तक के साढ़े नौ वर्षों में कांग्रेस सरकार ने गन्ना दर में लगभग तीन गुना की वृद्धि की थी।

    यह दर 117 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 310 रुपये प्रति क्विंटल की गई, जो कुल 165 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। इसका मतलब है कि हर वर्ष औसतन 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे किसानों की आय में खासी बढ़ोतरी हुई और उत्पादन बढ़ा।

    इसके विपरीत, भाजपा के 11 वर्षों के शासन में गन्ना दर में केवल 310 से 415 रुपये तक की कुल 33 प्रतिशत वृद्धि हुई, जो प्रतिवर्ष मात्र तीन प्रतिशत बनती है। यह वृद्धि इतनी मामूली है कि बढ़ती लागत को कवर ही नहीं करती।

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हमेशा किसान हित को प्राथमिकता दी, जिसके परिणामस्वरूप हरियाणा गन्ना उत्पादन में अग्रणी राज्य बना। भाजपा के शासन में किसान कर्ज के जाल में फंस गए हैं और गन्ने की खेती छोड़ने को मजबूर हैं।