हरियाणा में दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी बनाने पर आगे बढ़ी सरकार, बजट में किया जा चुका है प्रावधान
हरियाणा के 2025-26 बजट में प्रस्तावित अरावली जंगल सफारी परियोजना पर काम शुरू हो गया है। गुरुग्राम और नूंह में 10000 एकड़ में विकसित होने वाली इस सफारी में 15 किमी का तेंदुआ पार्क बाघ शेर हर्पेटेरियम शाकाहारी क्षेत्र और पक्षी बाड़ा होगा। वन विभाग की देखरेख में बनने वाली यह परियोजना जैव विविधता संरक्षण रोजगार और पर्यावरण सुधार को बढ़ावा देगी।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के साल 2025-26 के बजट में प्रस्तावित अरावली की जंगल सफारी परियोजना पर सरकार ने काम चालू कर दिया है। अरावली क्षेत्र के गुरुग्राम और नूंह में करीब 10 हजार एकड़ में जंगल सफारी विकसित की जाएगी। इस जंगल सफारी में 15 किलोमीटर के तेंदुआ पार्क को भी तैयार करने की योजना है।
पहले यह परियोजना राज्य के पर्यटन विभाग की ओर से तैयार की जानी थी, मगर अब इसका सारा कार्य वन एवं वन्य प्राणी विभाग की देखरेख में होगा। जंगल सफारी के एक हिस्से का का प्रारूप और स्वरूप तय करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सात व आठ जून को गुजरात के जामनगर की वनतारा परियोजना का अवलोकन करने जाएंगे।
वर्तमान में शारजाह में है सबसे बड़ा सफारी पार्क
वनतारा प्रोजेक्ट, रिलायंस रिफाइनरी के ग्रीन बेल्ट क्षेत्र जामनगर (गुजरात) में स्थित है। यह प्रोजेक्ट भारत और दुनियाभर से घायल, बीमार और संकटग्रस्त वन्यजीवों को बचाने, उनका इलाज करने और उन्हें फिर से प्राकृतिक आवास में वापस भेजने का कार्य करता है।
वर्तमान में अफ्रीका के बाहर सबसे बड़ा सफारी पार्क शारजाह (यूएई) में है, जो लगभग 2,000 एकड़ में फैला हुआ है। तुलना करें तो हरियाणा का प्रस्तावित जंगल सफारी इससे पांच गुणा बड़ा होने जा रहा है। इस जंगल सफारी में कई तरह के आकर्षण होंगे।
इनमें बाघ और शेर के अलावा बड़ी बिल्लियों के लिए चार समर्पित क्षेत्र, उभयचर और सरीसृपों के लिए हर्पेटेरियम, एक बड़ा शाकाहारी (पौधे खाने वाले जानवर) क्षेत्र, विदेशी जानवरों और पक्षियों के लिए खंड, पक्षियों के लिए एक बड़ा बाड़ा, वनस्पति उद्यान, प्रकृति के दुर्गम रास्ते और पानी के नीचे की दुनिया शामिल है।
मनोहर लाल की परिकल्पना को आगे बढ़ाएंगे CM सैनी
पिछले दिनों यूएई के शारजाह सफारी के संचालन और डिजाइन का अध्ययन करने के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने इस जंगल पार्क का दौरा किया था। मनोहर लाल जब राज्य के मुख्यमंत्री थे, तभी इस जंगल सफारी की परिकल्पना की गई थी, जिसे अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बजट में राशि का प्रविधान कर आगे बढ़ाने में जुटे हैं।
इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार भी वित्तीय मदद प्रदान करेगी। इस परियोजना पर आगे बढ़ने के लिए दो अंतरराष्ट्रीय स्तर की अनुभवी कंपनियों को शार्टलिस्ट किया गया है। ये फर्म पार्क के मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने के लिए एक डिजाइन प्रतियोगिता में भागीदारी करेंगी।
होम स्टे नीति भी लागू करेगी हरियाणा सरकार
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने पहले ही इसकी तकनीकी व्यवहार्यता को मंजूरी दे दी है। सफारी पार्क के विकास और सुचारू संचालन की देखरेख के लिए अरावली फाउंडेशन नामक एक समर्पित संगठन की स्थापना की जाएगी।
हरियाणा सरकार यहां अपनी होम स्टे नीति को लागू करने की भी योजना बना रही है, जो ग्रामीणों को आवास और पर्यटन से संबंधित सेवाएं प्रदान करेगी। हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार, इस क्षेत्र में पक्षियों की 180 प्रजातियां, स्तनधारियों की 15 प्रजातियां, सरीसृपों और जलीय जानवरों की 29 प्रजातियां और तितलियों की 57 प्रजातियां पाई जाती हैं।
मोदी के मन की बात कार्यक्रम का अरावली पर दिखेगा असर
हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों अपने "मन की बात" कार्यक्रम में वन्य जीवों को बचाने का आह्वान किया था। इसी कड़ी में हरियाणा वन विभाग अरावली क्षेत्र में जंगल सफारी व ग्रीन वाल प्रोजेक्ट वन जीवों को बचाने के लिए कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर रहा है।
राव के अनुसार अरावली ग्रीन वाल परियोजना के तहत हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली सहित चार राज्यों में 1.15 मिलियन हेक्टेयर से अधिक भूमि का सुधार बहु-राज्य सहयोग का एक अनुकरणीय माडल प्रदर्शित करना है।
वनों की स्वदेशी प्रजातियों के साथ पौधारोपण, जैव विविधता संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य में सुधार और भूजल पुनर्भरण को बढ़ाने पर सरकार ध्यान देगी। इन परियोजनाओं से अरावली क्षेत्र में न केवल लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे बल्कि जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरण अनुकूल संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा।
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